नई दिल्ली। होम, लोन और अन्य कर्ज महंगे हो सकते हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) और आइसीआइसीआइ बैंक ने शनिवार को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 0.2 फीसद तक की वृद्धि की घोषणा की।
नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं। एसबीआइ ने एक दिन से लेकर तीन साल तक की अवधि के कर्जों के लिए दरों में 0.20 फीसद की वृद्धि की है।
इस वृद्धि के बाद एक दिन और एक महीने के कर्ज के लिए ब्याज दर बढ़कर 8.1 फीसद हो गई है। एक साल के कर्ज के लिए ब्याज दर 8.25 फीसद से बढ़ाकर 8.45 फीसद की गई है। तीन साल के कर्ज के लिए एमसीएलआर 8.65 फीसद किया गया है।
पहले इस अवधि के कर्ज के लिए दर 8.45 फीसद थी। आइसीआइसीआइ बैंक ने एक साल का एमसीएलआर 0.15 फीसद बढ़ाकर 8.55 फीसद किया है।
दोनों बैंकों ने जून में आरबीआइ की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा से ठीक पहले एमसीएलआर में बढ़ोतरी थी।
बैंकों में कर्ज की ब्याज दरों में वृद्धि का यह फैसला रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में 0.25 फीसद की वृद्धि के महीनेभर बाद किया है।
पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 फीसद कर दिया था। इससे पहले जून में हुई मौद्रिक नीति समीक्षा में भी रेपो रेट में वृद्धि की गई थी।
उस समय रेपो रेट को छह फीसद से बढ़ाकर 6.25 फीसद किया गया था। 28 जनवरी, 2014 के बाद से यह पहली वृद्धि थी। उस समय रेपो रेट आठ फीसद पर पहुंच गया था। उसके बाद से लगातार कटौती करते हुए इसे छह फीसद पर लाया गया था।
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