एक जैसे कारोबार में लगी सहायक कंपनी आसानी से होगी Share market से बाहर

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नई दिल्‍ली। बाजार नियामक Sebi ने बाजार से Delist होने की योजना बना रही सहाय‍क कंपनियों के लिये नई व्‍यवस्‍था बनाई है। यह प्रक्रिया उन सहाय‍क कंपनियों के मामले में जारी की गई है जिनकी सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी और सूचीबद्ध सहाय‍क कंपनियां एक जैसे व्यवसाय में हैं।
नियामक ने कहा है कि बहुत सारी सूचीबद्ध कंपनियां हैं, जिनकी सूचीबद्ध सहाय‍क कंपनियां भी उसी कारोबार में हैं और दोनों कंपनियों के शेयरों की बाजार में अच्छी पूछ है। ऐसे में दोनों- सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी और सूचीबद्ध सहायक कंपनी के मिलने से उनको सामंज्य का अच्छा खासा फायदा मिलने की संभावना होती है।
Sebi ने ऐसे में ‘एक जैसे व्यवसाय’ को परिभाषित करते हुए कहा है कि सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी और सूचीबद्ध सहायक कंपनी का कम से कम 50 प्रतिशत राजस्व ‘एक जैसे व्यवसाय’ से आना चाहिए। इसके अलावा सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी और सूचीबद्ध सहायक कंपनी की कम से कम 50 प्रतिशत वास्तविक संपत्ति ‘उसी व्यवसाय’ में निवेश होनी चाहिए।
इसके अलावा दोनो कंपनियों की प्रधान आर्थिक गतिविधि राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC) कोड के तहत एक ही समूह में होनी चाहिए। सेबी ने कहा है कि सूचीबद्ध कंपनी का नाम बदलने के मामले में बीते एक साल के दौरान नये तरीके से और एकीकृत आधार पर की गई गणना में एक पूरे साल के दौरान कम से कम 50 प्रतिशत राजस्व उन्ही गतिविधियों से कमाया हुआ होना चाहिये जो उसके नये नाम में संकेत मिलते हैं।
बाजार नियामक ने कहा है कि सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी और सूचीबद्ध सहायक कंपनी को एक जैसे व्यवसाय में होने को लेकर लेटर देना होगा। इसके बाद इसे सेबी पंजीकृत मर्चेंट बैंकर और सांविधिक आडीटर से प्रमाणित कराना होगा।
सेबी ने जून में सूचीबद्धता समाप्त करने संबंधी नियमन 2021 को अधिसूचित किया था। इसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) से मंजूरी प्राप्त व्यवस्था के तहत किसी सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी की सूचीबद्ध सहाय‍क कंपनी को सूचीबद्धता समाप्त करने के लिये रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया से छूट दिये जाने का प्रावधान किया गया था। योजना के प्रभावी होने के बाद सूचीबद्ध अनुषंगी, सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन जायेगी।

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