गुवाहाटी। करोड़ों रुपये के ‘नकद के बदले नौकरी’ घोटाले में आरोपी और जेल में बंद असम लोकसेवा आयोग (एपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष राकेश पॉल को बृहस्पतिवार को यहां की विशेष अदालत ने जमानत दे दी। विशेष अदालत के न्यायाधीश दीपक ठाकुरिया ने पॉल को जमानत दी। उन्हें शॉन कुमार वैश्य द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर वर्ष 2016 में राज्य सीआईडी ने गिरफ्तार किया था। वैश्य ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन अध्यक्ष ने प्रशासनिक सेवा की नौकरी देने के एवज में 10 लाख रुपये की मांग की थी।
पॉल को उनके खिलाफ दर्ज चार में से तीन मामलों में जमानत मिल गई है, लेकिन उन्हें चौथे मामले में जमानत मिलने तक जेल में ही रहना होगा। चौथा मामला भांगगढ़ पुलिस थाने में कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में दर्ज किया गया है। न्यायाधीश ने जमानत देने के साथ नियमित तौर पर सुनवाई में शामिल होने, कामरूप महानगर क्षेत्र को बिना लिखित अनुमति के नहीं छोड़ने और अदालत के समक्ष पासपोर्ट जमा करने की शर्त भी लगाई है।
गौरतलब है कि पॉल को वर्ष 2013 में एपीएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था , लेकिन वर्ष 2016 में कथित तौर पर घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि राज्य प्रशासनिक सेवा में शामिल होने वाले कई उम्मीदवारों को कथित तौर पर नकद रिश्वत देने के बदले नौकरी मिली। वर्ष 2016 में घोटाले के सामने आने के बाद से अबतक नए भर्ती करीब 70 अधिकारियों को मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।