विशेषज्ञों के अनुसार अगर बार-बार अचानक से आवाज में भारीपन या गले में दर्द हो जाता है तो डॉक्टर्स से जरूर जांच करवानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ये वॉइस डिसऑडर के कारण भी समस्या हो सकती है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से आवाज या गले संबंधित समस्या हो सकती है।
क्या आपको भी बोलने में तकलीफ होती है? या तेज बोलने पर किसी तरह की गले में कोई परेशानी? या फिर बोलने के लिए अधिक ताकत लगानी पड़ती है? गले की ऐसी समस्याओं को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। चिकित्सकों के अनुसार व्यक्ति के स्वर यंत्र में 2 वोकल कॉर्ड होते हैं। अगर इनमें किसी तरह की परेशानी होती है तो आवाज बदल जाती है। तेज या चिलाकर बोलने पर इनमें सूजन या दाने जैसे वोकल नोड्यूल बन जाते हैं, जोकि कैंसर का भी लक्षण हो सकता है। इसके अलावा ये समस्या एसिडिट की वजह से भी हो सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार अगर बार-बार अचानक से आवाज में भारीपन या गले में दर्द हो जाता है तो डॉक्टर्स से जरूर जांच करवानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ये वॉइस डिसऑडर के कारण भी समस्या हो सकती है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से आवाज या गले संबंधित समस्या हो सकती है। ऐसे में ईएनटी विशेषज्ञों से जांच करवाना चाहिए।
क्या है वॉइस डिसऑर्डर के लक्षण
– आवाज मोटी या भारी होना
– कर्कश या फटी हुई आवाज
– खाटा खाने पर गला खराब होना
– गाते वक्त कुछ ऊंचे स्वरों को न पकड़ पाना
– महीने में कई बार गला खराब होना
– अक्सर गले में दर्द या अकड़न होना
– जिन बच्चों का तालू चिपका हो
– अधिक धूम्रपान का सेवन
– एंडोस्कोपी या थायराइड वालों को हो सकता है
क्यों होती है दिक्कत
कई बार वॉइस डिसऑर्डर के मरीजों की आवाज पूरी रूप में प्रभावित हो जाती है। इसलिए अगर आपकी आवाज में किसी तरह का कोई बदलाव हो रहा है तो समझ लें कि आप वॉइस डिसऑर्डर की समस्या से परेशान हैं और चेकअप जरूर करवाएं। हालांकि, आपके प्रोफेशन में वॉइस संबंधित ज्यादा कार्य होता है तो ऐसा होना आम है। ऐसा देखा गया है कि ये समस्या गायकों को भी बो जाती है, ऐसे में उन्हें अपनी आवाज सही करवाने तक की नौबत आ जाती है। इसके अलावा अगर बात की जाएं महिलाओं कि तो हार्मोनल चेंज और बच्चों के ज्यादा चीखने या चिल्लाने के कारण उनके सॉफ्ट वोकल कार्ड खराब हो जाते हैं। ज्यादा तेज बोलने या चीखने-चिल्लाने से हमारे वोकल कार्ड पर बुरा असर पड़ता है। जिससे इस पर दबाव बढ़ता है और सूजन आ जाती है।
ऐसे करें बचाव
1. अधिक तेज न बोले
2. अधिक चीखे-चिल्लाएं नहीं
3. अधिक से अधिक पानी का सेवन करें
4. गले की एक्सरसाइज करें
5. धूम्रपान का सेवन न करें
6. लगातार बोलते न रहें, बीच-बीच में ब्रेक लें
7. लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
क्या है वॉइस डिसऑर्डर का इलाज?
चिकित्सकों के अनुसार वॉइस डिसऑर्डर का इलाज उस पर निर्भरता है कि वो किस वजह से हुआ है। अगर इसकी पहचान समय रहते हो जाती है तो इसका इलाज सफल हो सकता है। आइए आपको वॉइस डिसऑर्डर के कुछ इलाज के बारे में बताते हैं।
आराम, तरल और आवाज चिकित्सा- जिस तरह से शरीर के अन्य भागों को आराम और तरल पदार्थों की जरूरत होती है, ठीक वैसे ही वोकल कोर्ड्स को भी नियमित तौर पर लिक्विड और आराम की जरूरत होती है। वॉइस डिसऑर्डर के मरीजों का इलाज स्पीच पैथोलॉजी विशेषज्ञ द्वारा भी किया जाता है। वो वॉइस थेरेपी के जरिए आवाज को बेहतर करने की कोशिश करते हैं, गले को किस तरह से साफ किया जाए और पीने के लिए कितना तरल पदर्थ जरूर है वो भी बताते हैं।
एलर्जी का इलाज- डॉक्टर जांच कर ये पहचानते हैं कि गला एलर्जी के कारण तो कहीं खराब नहीं हो रहा है या एलर्जी के कारण गले में ज्यादा मात्रा में बलगम तो नहीं बन रहा। ये सब देखने के बाद डॉक्टर इलाज करते हैं। इसलिए अगर आपको अपने गले में किसी तरह की कोई परेशानी महसूस हो या आवाज में तकलीफ लगे तो डॉक्टर्स से जल्दी सलाह लें।