नई दिल्ली :- वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन है, जो त्वरित गति एवं आधुनिक यात्री सुविधाओं के साथ सुसज्जित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली एवं वाराणसी, उत्तर प्रदेश के बीच हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वंदे भारत ट्रेनें मेक-इन-इंडिया पहल का प्रमुख उदाहरण हैं। इन अत्याधुनिक सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों को स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है तथा वर्तमान में इन्हें इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आई.सी.एफ.), चेन्नई में निर्मित किया जा रहा है।
स्वदेशी सेमी हाई-स्पीड ट्रेन के निर्माण का विचार वर्ष 2016 में आयोजित प्रथम रेल विकास शिविर में आया था और वर्ष 2017 के मध्य इस परियोजना पर कार्य आरम्भ हुआ। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आई.सी.एफ.), चेन्नई में ट्रेन-18 का निर्माण वर्ष 2018 में किया गया और देश के पहले सेमी हाई-स्पीड ट्रेन का निर्माण 18 महीने में पूर्ण हुआ इसलिये इस ट्रेन का नाम ट्रेन-18 रखा गया। जनवरी, 2019 में भारतीय रेल ने स्वदेशी तकनीकी से निर्मित ट्रेन-18 का नाम वंदे भारत एक्सप्रेस रखा गया।
अभी तक देश में 46 वंदे भारत एक्सप्रेस की सेवायें उपलब्ध हैं। ये वंदे भारत एक्सप्रेस देश के 24 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों से चलाई जा रही हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस सेवाओं से समय की बचत हो रही है। अन्य ट्रेनों की सेवाओं की तुलना में वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा में 01 घंटे की कमी आई है। इन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की अधिकतम अनुमन्य गति 160 किमी. प्रति घंटा है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी, 2022 को अपने बजट भाषण में 400 नई वंदे भारत एक्सप्रेस चलाये जाने की घोषणा की।
विद्युतीकृत रेल नेटवर्क पर 46 वंदे भारत सेवायें देश के विभिन्न नगरों के लिये चलाई जा रही हैं। विद्युतीकृत रेल नेटवर्क का विस्तार होने पर छूटे हुये राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश इन सेवाओं से जुड़ जायेंगे। 01 अप्रैल, 2022 से 21 जून, 2023 तक इन ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी शत-प्रतिशत है। इस दौरान 2,140 ट्रिप में 25,20,370 यात्रियों ने वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा की।
सड़क एवं हवाई मार्ग से यात्रा की तुलना में वंदे भारत एक्सप्रेस अपनी कुशल कनेक्टिविटी के लिये जानी जाती है। ये ट्रेनें कवच प्रणाली से युक्त हैं। इन ट्रेनों में दिव्यांग यात्रियों के अनुरूप सुविधायें उपलब्ध हैं। ये ट्रेनें ऊर्जा-दक्ष एवं पर्यावरण मित्रवत हैं।