अखिलेश, ओवैसी व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग

एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आवेदन दिया।

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वाराणसी-  वाराणसी की एक अदालत में एक आवेदन दायर किया गया था, जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई सहित सात लोगों के खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

सात लोगों में मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, सचिव, अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति; संयुक्त सचिव एसएम यासीन; सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी, मौलाना अब्दुल वागी और यूसुफ खान।

सपा प्रमुख ने हाल ही में अयोध्या में मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हमारे हिंदू धर्म में, कहीं भी एक पत्थर रखें, वहां एक पीपल (अंजीर) के पेड़ के नीचे एक लाल झंडा स्थापित करें, और यह एक मंदिर बन जाता है।”

ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के याचिकाकर्ता के दावे के बाद एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा था कि यह ढांचा शिवलिंग नहीं बल्कि एक फव्वारा है।

पांडे ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव की विवादित टिप्पणी से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची जबकि ओवैसी ने भी आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची।

 

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