कानपुर से गाजियाबाद के सफर में ग्रीनफील्ड इकोनामिक कारिडोर को मंजूरी; 2025 तक तैयार करने का लक्ष्य
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( एनएचएआइ ) एक वर्ष में इसकी डीपीआर बना लेगा। इस प्रोजेक्ट में 2023 तक डीपीआर बनाने और निर्माण एजेंसी फाइनल करने का काम पूरा होगा। इसके बाद दो वर्ष में कारिडोर का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है।
उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की योजना के अंतर्गत रोड कनेक्टिविटी को बेहतर और सरल बनाने में लगे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड इकोनामिक कारिडोर को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी जी भी इस मंजूरी से काफी प्रसन्न है।
कानपुर-गाजियाबाद ग्रीनफील्ड इकोनामिक कारिडोर की लम्बाई 380 किलोमीटर की निर्धारित है। इसका काम 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तर प्रदेश में बीते पांच वर्ष से हर कोने को एक-दूसरे जोडऩे के अभियान के तहत एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जा रहा है। प्रदेश में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे , पूर्वांचल एक्सप्रेस – वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस – वे तथा लखनऊ – कानपुर एक्सप्रेस – वे के बाद अब गाजियाबाद – कानपुर एक्सप्रेस – वे भी बनेगा। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण की घोषणा गाजियाबाद में 23 दिसंबर 2021 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली – मेरठ एक्सप्रेस वे के उद्घाटन समारोह में की थी।
सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गाजियाबाद के सांसद वीके सिंह के अनुरोध पर गाजियाबाद से कानपुर तक ग्रीनफील्ड इकोनामिक कारिडोर के निर्माण को हरी झंडी मिली है। यह कारिडोर साथ ही साथ लखनऊ – कानपुर एक्सप्रेस – वे को भी जोड़ेगा। 380 किलोमीटर लंबा कारिडोर 2025 तक बनकर तैयार होगा।
इस प्रोजेक्ट में 2023 तक डीपीआर बनाने और निर्माण एजेंसी फाइनल करने का काम पूरा होगा। इसके बाद दो वर्ष में कारिडोर का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
एक्सप्रेसवे बनने से क्या लाभ होगा?
इसके बनने से यातायात सुगम होने के साथ ही लखनऊ से कानपुर तथा गाजियाबाद तक का सरल, सुगम और जाममुक्त सफर का सपना पूरा होगा।लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस – वे बनने के बाद दिल्ली से लखनऊ जाने के लिए लोगों को एक नया रास्ता भी मिल जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट को गाजियाबाद हापुड़- कानपुर उन्नाव ग्रीनफील्ड इकोनामिक कारिडोर का नाम दिया है। इसकी जानकारी केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि इस कारिडोर के लिए जमीन का अधिग्रहण आठ लेन के एक्सप्रेस वे की तर्ज पर किया जाएगा। इसकी शुरुआत में सिर्फ चार लेन की सड़क का निर्माण किया जाएगा। यहां वाहनों की संख्या बढऩे पर इसकी चौड़ाई बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।