बांके बिहारी मंदिर में काशी विश्वनाथ जैसा बनेगा कॉरिडोर

गर्भगृह, वर्तमान में 700 से 800 भक्तों की क्षमता वाला है, जिसे एक बार में कम से कम 5,000 भक्तों को समायोजित करने के लिए बढ़ाया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश – आगरा गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि यमुना नदी के किनारे से मथुरा के बांके बिहारी मंदिर तक श्रद्धालुओं की सुगम आवाजाही के लिए राज्य सरकार जल्द ही एक समर्पित गलियारा बनाएगी।

यह कॉरिडोर यमुना से वैसे ही जुड़ा होगा जैसे वाराणसी का काशी विश्वनाथ कॉरिडोर गंगा से जुड़ा है। इसमें एक बार में 50,000 से अधिक श्रद्धालु बैठ सकते हैं। मंत्री ने मीडिया को बताया कि पवित्र यमुना में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु सीधे गलियारे से मंदिर पहुंच सकते हैं।

मंत्री ने कहा कि मंदिर के मौजूदा प्राचीन ढांचे को बरकरार रखते हुए उस खुले स्थान का भी विस्तार किया जाएगा जहां से श्रद्धालु दर्शन करते हैं।

मथुरा जिले की मंट विधानसभा सीट से विधायक मंत्री ने कहा, “वर्तमान में 700 से 800 भक्तों की क्षमता वाले गर्भगृह का विस्तार किया जाएगा, ताकि एक बार में कम से कम 5,000 भक्तों को समायोजित किया जा सके।” उन्होंने कहा कि कॉरिडोर के लिए अपनी जमीन देने वालों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा।

जन्माष्टमी की रात मंगला आरती के दौरान भीड़ के बीच दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो जाने के बाद हुई दर्दनाक घटना के बाद रविवार रात चौधरी ने बांके बिहारी मंदिर के दर्शन किए थे।

उन्होंने कहा कि यह परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से ब्रजभूमि को उपहार होगी, जो जन्माष्टमी पर मंदिर में दो तीर्थयात्रियों की मौत से व्यथित थे।

“यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। मुख्यमंत्री ने पहले ही सेवानिवृत्त डीजीपी सुलखान सिंह और आयुक्त (अलीगढ़ संभाग) गौरव दयाल की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है। मंदिर में जिलाधिकारी और एसएसपी की मौजूदगी में होने वाली इस तरह की घटना समेत सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा।

 

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