बंगाल में भाजपा का कड़ा संदेश, खुद को पार्टी से ऊपर नहीं समझें पार्टी विधायक

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कोलकाता। कोलकाता में आयोजित भाजपा के प्रशिक्षण शिविर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष विधायकों को कड़ा संदेश दिया। घोष ने कहा कि विधायक बनने का मतलब यह नहीं है कि आप खुद को पार्टी से ऊपर समझ लें। विधायकों को लोगों की सेवा में हमेशा हाजिर रहना होगा। प्रदेश भाजपा की ओर से शनिवार को कोलकाता ही स्थित हेस्टिंग्स कार्यालय में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें नवनिर्वाचित विधायकों को किस तरह विधानसभा में अपनी भूमिका का पालन करना है, समेत विभिन्न मुद्दों पर जानकारी दी गई। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भाजपा विधायकों को विधानसभा के अंदर और बाहर जनहित से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समर्थन में आवाज उठाते रहना होगा। भाजपा को पूरी ईमानदारी के साथ विरोधी दल का कर्तव्य निभाना होगा। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भाजपा विधायकों को स्पष्ट संदेश दिया कि उन्हें जनता के बीच रहना होगा। जनसंपर्क बढ़ाना होगा तथा अपना पैर हमेशा जमीन पर रखना होगा। इतना ही नहीं बिना पार्टी को बिना बताए किसी भी कार्यक्रम का फैसला नहीं लिया जा सकता है। बंगाल में नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर में भाजपा के लगभग सभी विधायक मौजूद थे। कुछ विधायक तथा नेता वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।
प्रदेश भाजपा ने फर्जी टीकाकरण मामले के खिलाफ सोमवार को कोलकाता नगर निगम (केएमसी) मुख्यालय घेराव का आह्वान किया है, जबकि कोलकाता पुलिस ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन की दुहाई देते हुए अभियान को अनुमति देने से इन्कार कर दिया है।हालांकि पुलिस से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद भाजपा केएमसी अभियान को लेकर अडिग है। रविवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने स्पष्ट कहा कि हर हाल में यह अभियान होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम करेगी और भाजपा अपना काम करेगी।घोष ने आरोप लगाया कि फर्जी वैक्सीन कांड के गुनहगारों को तृणमूल कांग्रेस सरकार बचाने में लगी है।
वहीं, प्रदेश भाजपा ने एक बयान जारी कर भी कहा है कि सोमवार दोपहर एक बजे भाजपा कार्यकर्ता सुबोध मल्लिक स्क्वायर के पास एकत्रित होंगे और वहां से कोलकाता नगर निगम मुख्यालय की ओर मार्च करेंगे।इधर, इस अड़ियल रूख के कारण कोलकाता पुलिस के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की झड़प होने की पूरी संभावनाएं हैं। कोलकाता पुलिस की ओर से बताया गया कि इस मार्च को विफल बनाने के लिए 1000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इसके अलावा क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) की भी तैनाती रहेगी। प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पानी की बौछार करने वाली गाड़ियां भी रहेगी। कोलकाता पुलिस ने इस अभियान को विफल बनाने के लिए अपने चार वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है, जो पुलिसकर्मियों को दिशा निर्देशित करेंगे।

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