विधान भवन स्थित तिलक हॉल में उ0प्र0 की 18वीं विधान सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के दो-दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के समापन समारोह में सम्मिलित हुए सीएम व राज्यपाल

जनप्रतिनिधि का जनता से संवाद जितना अच्छा होगा, जिस मजबूती के साथ वह जनता के कल्याण के लिए प्रयास करेगा, उतना ही जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा - सीएम

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उत्तर प्रदेश – राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी विधान भवन स्थित तिलक हॉल में उत्तर प्रदेश की 18वीं विधान सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के दो-दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के समापन समारोह में सम्मिलित हुए।

 

राज्यपाल जी ने कार्यक्रम को संबोधन करते हुए शुरुवात की

इस अवसर पर राज्यपाल जी ने कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम के माध्यम से विधायकगण संसदीय एवं विधायी नियमों तथा प्रक्रियाओं से भली-भांति परिचित होकर उन्हें अपने विधायी जीवन में पूर्ण अनुशासन के साथ अपनाएं, ताकि जनप्रतिनिधि के रूप में उनकी भूमिका अधिक प्रभावी रूप से लोगों के सामने उभर सके। 18वीं विधान सभा हेतु निर्वाचित सदस्यों में से 128 सदस्य पहली बार चुने गये हैं। 47 महिला सदस्यों के निर्वाचित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में यह संख्या बढ़नी चाहिए।

राज्यपाल जी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने मंत्रिगण के लिए क्षेत्र में उनके प्रवास का कार्यक्रम तय कर दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रिगण द्वारा कार्यालय में बैठने और क्षेत्र भ्रमण के निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार कार्य करने से उत्तर प्रदेश भी एक मॉडल राज्य बनकर उभरेगा।

राज्यपाल जी ने कहा कि जनप्रतिनिधिगण को अपने कार्याें में परिवार का हस्तक्षेप नहीं होने देना चाहिए। बैठकों एवं अन्य कार्यक्रमों में निर्धारित समय पर पहुंचना चाहिए। क्षेत्र में अपने कार्यकर्ताओं से समय निकालकर मिलना चाहिए। कार्यकर्ता मुख्य हैं, क्योंकि जनप्रतिनिधि को निर्वाचित कराने में उन्होंने अपना पसीना बहाया है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधिगण को अपने द्वारा कराये गये कार्यों का डॉक्युमेण्टेशन कर जनता के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए।

विधान सभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने नवनिर्वाचित सदस्यों को विधान सभा की कार्यवाही सहित कार्यसूची, प्रश्नकाल, शून्यकाल आदि के सम्बन्ध में भी जानकारी दी।

जनता को गतिविधियों की जानकारी होनी चाहिए – सीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता को जनार्दन माना गया है, इसलिए हमारी जनता के प्रति जवाबदेही है। जनप्रतिनिधि का जनता से संवाद जितना अच्छा होगा, जिस मजबूती के साथ वह जनता के कल्याण के लिए प्रयास करेगा, उतना ही जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। उन्होंने कहा कि जनता बहुत जागरूक है, उन्हें जनप्रतिनिधि की गतिविधियों की जानकारी होती है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1998 में सांसद बनने के बाद उन्होंने लोक सभा में इन्सेफेलाइटिस का मामला उठाया। जनहित का प्रकरण होने के कारण इसमें प्रदेश के अन्य सांसदों का भी उन्हें समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार सम्भालने के बाद उन्होंने इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किया। वर्तमान में प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस पर लगभग पूरी तरह काबू कर लिया गया है। साथ ही, वेक्टर जनित बीमारियों को नियंत्रित करने का बेहतरीन मॉडल भी सामने आया है। अन्तर्विभागीय समन्वय के इस मॉडल ने कोरोना संक्रमण को भी नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, जिसकी आज देश और दुनिया में सराहना हो रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में शालीनता और धैर्य व्यक्ति को आगे बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में राजनीति को आड़े नहीं आने देना चाहिए। जनप्रतिनिधि सत्तापक्ष का हो अथवा प्रतिपक्ष का, विकास कार्याें से जुड़कर आगे बढ़ने पर उसका श्रेय जनप्रतिनिधि को ही प्राप्त होता है।

नए सदस्यों को भी बात रखने का मौका मिलना चाहिए

मुख्यमंत्री जी ने विधान सभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि प्रत्येक सत्र में एक-दो सदस्यों को आदर्श सदस्य के रूप में सम्मानित किया जाना चाहिए। सदन में नये सदस्यों को बोलने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 17वीं विधान सभा में सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 36 घण्टे की लगातार चर्चा हुई। इसमें कई नये सदस्यों ने प्रभावशाली ढंग से अपनी बात रखीं। उन्होंने कहा कि नये सदस्यों को कम शब्दों में प्रभावशाली ढंग से अपनी बात रखने के लिए अभ्यास भी करना चाहिए। भाषा सकारात्मक और व्यावहारिक होनी चाहिए।

सदन में उपस्थिति पर कुछ व्यवहारिक नियम पर भी सीएम ने चर्चा की,

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनप्रतिनिधि, जनता के प्रति अपने सम्बोधन से सम्मोहन पैदा करते हैं, उसी से जनता का समर्थन मिलता है। सदन में आने वाला अतिथि सत्तापक्ष अथवा विपक्ष का नहीं होता। वह सदन का अतिथि होता है। इसलिए सदन में बाहर से किसी अतिथि के आने अथवा राज्यपाल जी या राष्ट्रपति जी के आने पर सभी सदस्यों को अपने स्थान पर बैठकर उनका भाषण पूरे ध्यान से सुनना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कल 21 मई, 2022 को ई-विधान के शुभारम्भ के लिए लोक सभा अध्यक्ष विधान सभा में आये थे। इस अवसर पर सत्तापक्ष-विपक्ष दोनों उपस्थित थे। इससे देश में अच्छा संदेश गया कि ई-विधान के नवाचार के लिए सत्तापक्ष-विपक्ष में सहमति है। इसका मतलब प्रदेश के विकास के लिए हम सभी राजनीतिक मतों से ऊपर उठकर पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ेंगे। सदन में मोबाइल फोन बन्द करके रखना चाहिए। सदन के अन्दर फोन बजने से अच्छा मैसेज नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 06 जून, 2022 को मा0 राष्ट्रपति जी राज्य विधान मण्डल के संयुक्त सत्र को सम्बोधित करेंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विधान सभा सत्र के बाद संसदीय कमेटियां बनेंगी। इनका कार्य सलाहकारी है। इसका ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए हम सभी को अपने अधिकार और दायित्वों के बीच समन्वय बनाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी मंत्रिगण शुक्रवार से लेकर रविवार तक भ्रमण पर रहेंगे। इस दौरान वे जनता से मिलने के अलावा समीक्षा बैठक और विकास कार्याें का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे। उन्होंने कहा कि सोमवार से लेकर गुरुवार तक मेरे सहित दोनों उप मुख्यमंत्री, मंत्रिगण, राजधानी में उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति से अनुरोध किया कि संसदीय कमेटियों की बैठक सोमवार-मंगलवार को लगायी जाए, जिससे सभी सदस्य उसमें प्रतिभाग कर सकें।

 

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