सीएम योगी ने मेरठ के विक्टोरिया पार्क में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 1857 के संग्राम के स्मरण में “क्रांति दिवस’ को किया सम्बोधित
सभी देशवासी आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़कर प्रधानमंत्री जी की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना में सहभागी बनें
उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इन देशभक्तों के बलिदान के कारण ही हम विकास के बारे में एक नयी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पूरा देश ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के रूप में पूरी दुनिया को नेतृत्व देने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद मेरठ के विक्टोरिया पार्क में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के स्मरणोत्सव कार्यक्रम ‘क्रांति दिवस’ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने बाबा औघड़नाथ की पावन धरा मेरठ को नमन करते हुए कहा कि यह वर्ष अत्यन्त महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, ऐसे में इस धरा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
स्वतंत्रता संग्राम में शहीद सेनानियों को याद कर नई परियोजनाओं का लोकार्पण किया
मुख्यमंत्री जी इस अवसर पर लगभग 67 करोड़ रुपये की 18 परियोजनाओं लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने मेरठ के जीवन के प्रत्येक पहलू को दर्शाती ‘ई-कॉफी टेबल बुक’ का विमोचन किया। उनके द्वारा नौचन्दी के प्रान्तीय मेले की अवस्थापना सुविधाओं का लोकार्पण भी किया गया। उन्होंने शहीद कोतवाल धन सिंह गुर्जर के वंशजों सहित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं सीमाओं की रक्षा में शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर उन्होंने जनपद के 12 विकासखण्डों की 150 से अधिक ग्राम पंचायतों में निर्मित ग्रामीण पुस्तकालयों का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्र में बनाये जा रहे पुस्तकालयों पर केन्द्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी से 90 वर्ष पूर्व बैरकपुर में शहीद मंगल पाण्डेय ने आजादी की जो लौ प्रज्ज्वलित की थी। वह धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गयी। अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग स्वतंत्रता सेनानियों-शहीद बन्धु सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहब, तात्या टोपे ने उसे नेतृत्व प्रदान किया।
1857 की क्रांति को किया याद
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 1857 का स्वतंत्रता संग्राम पहला ऐसा संघर्ष था, जो जाति, मत, मजहब से ऊपर उठकर देश की आजादी के लिए लड़ा गया। पूरा देश इस लड़ाई को रोटी और कमल को प्रतीक चिन्ह बनाकर लड़ रहा था। अंग्रेजों ने इस संघर्ष को विद्रोह कहा था। वीर विनायक दामोदर सावरकर ने इसे आजादी का प्रथम स्वातंत्र्य समर कहा था। इससे प्रज्ज्वलित क्रांति की लौ ने गांव-गांव में प्रत्येक नागरिक के मन में उत्साह और उमंग पैदा की, जिसके फलस्वरूप 90 वर्ष में देश औपनिवेशिक शासन में आजाद हो गया।
मेरठ जनपद के ऐतिहासिक महत्व को किया उजागर
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मेरठ भक्ति और शक्ति की धरा के रूप में जाना जाता रहा है। महाभारत काल से भी इसका सम्बन्ध रहा है। आज मेरठ भ्रमण के दौरान उन्होंने सबसे पहले शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा, विभिन्न योजनाओं की प्रगति का अवलोकन किया। देश की पहली रैपिड रेल यहां बन रही है। इसके बन जाने से मेरठ और दिल्ली के बीच आवागमन का समय बहुत कम हो जाएगा। दिल्ली व मेरठ के बीच निर्मित 12 लेन के एक्सप्रेस वे से यह दूरी पहले ही कम हो चुकी है। मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री जी द्वारा रखी गयी है।
नए भारत की नींव की शुरुवात
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नया भारत वह है, जहां जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा के आधार पर किसी के साथ भेदभाव न हो। इसका मूल मंत्र ‘सबका साथ सबका विकास’ है। यह उत्तर प्रदेश में दिखाई दे रहा है। पहले उत्तर प्रदेश को विकास में बाधक माना जाता था। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में वर्तमान में उत्तर प्रदेश विकास की नई ऊंचाईयों की ओर बढ़ रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे, जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी आदि परियोजनाओं के विकास से प्रदेश पश्चिम को पूरब से जोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जैसे 1857 का समर पूरे देश ने मिलकर लड़ा था, वैसे ही आज भी हमें जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा के आधार पर बांटने की चाहत रखने वालों से मिलकर लड़ना होगा। हमें गुलामी के कालखण्ड की ओर ढकेलने की कुत्सित चेष्टा करने वालों से सावधान रहना होगा और अपने वर्तमान नेतृत्व पर विश्वास करते हुए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के प्रधानमंत्री जी के विजन को मूर्त रूप देने में योगदान करना होगा।