अमेठी गांव में दलित छात्रों को भोजन के लिए अलग बैठाया गया, जांच जारी

प्राथमिकी दर्ज कर स्कूल प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया है। एक अभिभावक ने प्रिंसिपल पर अपने छात्रों को पीटने का भी आरोप लगाया है।

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अमेठी – अमेठी के एक प्राइमरी स्कूल के प्रबंधन पर जाति आधारित भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है। गदेरी गांव के स्कूल में मध्याह्न भोजन परोसने के दौरान दलित समुदाय के छात्रों को अलग-अलग कतारों में बिठाया गया। प्राथमिकी दर्ज कर स्कूल प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया है। एक अभिभावक ने प्रिंसिपल पर अपने छात्रों को पीटने का भी आरोप लगाया है।

हालांकि प्रधानाध्यापक कुसुम सोनी ने अब अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए ग्राम प्रधान के खिलाफ स्कूल परिसर में हंगामा करने और गेट बंद करने की शिकायत दर्ज कराई है।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सोनी का बयान बताया है की, “जहां तक ​​झूठे आरोपों का सवाल है, गांव के मुखिया का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाला पवन दुबे यहां आया था, सभी को बाहर धकेल दिया, गेट बंद कर दिया, स्कूल की तस्वीरें क्लिक कीं और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। मैंने पुलिस शिकायत दर्ज की है।”

ग्राम प्रधान विनय कुमार जायसवाल ने कहा कि माता-पिता और छात्रों ने स्कूल में भोजन के दौरान मुद्दों की शिकायत करने के लिए उनसे मुलाकात की थी। “मैं स्कूल गया, लेकिन वहां शिक्षक नहीं मिला। कहा गया कि वह समय पर नहीं आती और छात्रों का ध्यान नहीं रखती।’

जब मामला उनकी जानकारी में आया, तो जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) से प्रारंभिक जांच के आदेश दिए, जिन्होंने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया।

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