प्रदेश सरकार के 52 महीने एवं केन्द्र सरकार के 07 साल के कार्यकाल में अनेक विकास के कार्यों एवं जन कल्याणकारी योजनाओं से आमजन के जीवन में आई खुशहाली। महिला घाट के पुल निर्माण का कार्य बहुत दिनों से रूका हुआ था, जिसे पुनः प्रारम्भ कराया गया है और शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जायेगा। प्रदेश के मा0 उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बृहस्पतिवार को कौशाम्बी के सैयद सरांवा में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज-कानपुर रेल सेक्शन के किमी0 846/30-25 रेलवे स्टेशन के निकट आयोजित कार्यक्रम में सम्पार संख्या-7सी0 पर 02 लेन उपरिगामी सेतु के निर्माण का शिलान्यास किया। इस सेतु के निर्माण की लागत धनराशि रू0-6028.40 लाख स्वीकृत है तथा इस रेल उपरिगामी सेतु की कुल लम्बाई 810.62 किमी0 है। यह परियोजना मार्च 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। इसके साथ ही मा0 उप मुख्यमंत्री ने विधानसभा चायल के लोक निर्माण विभाग की 107.735 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली 80 परियोजनाओं का बटन दबाकर शिलान्यास/लोकार्पण किया, जिसमें 35 परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया एवं 45 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। शिलान्यास एवं लोकार्पण होने वाली कुल परियोजनाओं की लम्बाई 93.664 किमी0 है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मा0 विधायक चायल श्री संजय गुप्ता जी द्वारा यमुना नदी पर सेतु बनाने के साथ ही विभिन्न सड़कों के निर्माण के लिए जोे प्रस्ताव/सूची प्राप्त हुई हैं, सेतु एवं सड़कों के निर्माण के लिए अधिकारियों को शीघ्र ही आगणन बनाकर कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिये जायेगे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 52 माह के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने बहुत ही विकास के कार्य कौशाम्बी एवं प्रदेश में किये हैं। उन्होने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर नहीं होने दिया जायेगा, जो भी कमियां अभी रह गयी है उनको ठीक करने का प्रयास निरन्तर किया जा रहा है। उन्होने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ किसानों को मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत पॉच लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा दी जा रही है, इस योजना में जो भी लोग छूटे है ,सभी पात्र लोगों को इस योजना का लाभ दिलाया जायेगा। उन्होने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क गैस कनेक्शन एवं प्रदेश में बिजली की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए एवं समुचित विकास के लिए अनेक कार्य किये और निरन्तर किया जा रहा है। उन्होने कहा कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार के 52 महीने एवं केन्द्र सरकार के 07 साल के कार्यकाल में अनेक विकास के कार्यों एवं जन कल्याणकारी योजनाओं से आमजन के जीवन में खुशहाली आयी है। उन्होंने कहा कि जनपद के तीनों विधान सभाओं में अनेक विकास कार्य किये गये हैं और अनेक विकास कार्य किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि महिला घाट के पुल निर्माण का कार्य बहुत दिनों से रूका हुआ था, जिसे पुनः प्रारम्भ कराया गया है और शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जायेगा।
तत्पश्चात उप मुख्यमंत्री जी ने थाना-चक गुलाम आलम कछार गढ़वा-ताड़ी मुस्तकिल चित्रकूट मार्ग को जोड़ने हेतु यमुना नदी पर सेतु के निर्माण का शिलान्यास किया। इस परियोजना की स्वीकृति लागत रू0 11697.29 लाख है। इस सेतु के निर्माण हो जाने से यहां कीे लगभग 02 लाख जनसंख्या लाभान्वित होगी, जो लगभग 27 किमी0 की दूरी कम होकर जनपद चित्रकूट को रामबनगमन मार्ग से सीधे जोड़ेगा। इस परियोजना को माह मार्च 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मा0 उपमुख्यमंत्री जी ने कहा कि कौशाम्बी पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। यहां देश एवं विदेश से लोग आते हैं। उन्हेाने कहा कि जनपद में बौद्ध विहार बनाने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होने कहा कि लोगों को रोजगार मिले, इसके लिए भी अनेक कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौशाम्बी पर्यटन स्थल को जनपद प्रयागराज मुख्यालय वॉया एयरपोर्ट से 04 लेन से जोड़ने का कार्य (लम्बाई 42.06किमी0) की अनुमोदित लागत 80893.85 लाख रूपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। इसके साथ ही मा0 उप मुख्यमंत्री ने मंझनपुर विधानसभा के लोक निर्माण विभाग की 147.473 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली 21 परियोजनाओं का बटन दबाकर शिलान्यास/लोकार्पण किया, जिसमे से 11 परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया एवं 10 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। शिलान्यास एवं लोकार्पण होने वाली कुल परियोजनाओं की लम्बाई 50.866 किमी0 है।
तत्पश्चात उप मुख्यमंत्री जी ने सूजातपुर में आयोजित कार्यक्रम में सूजातपुर रेलवे स्टेशन के निकट आयोजित कार्यक्रम में सुजातपुर रेलवे स्टेशन के निकट रेलवे सम्पार संख्या-15सी0 पर 02 लेन रेल उपरिगामी सेतु के निर्माण का शिलान्यास किया, जिसकी स्वीकृत लागत 5705.62 लाख रूपये है। इस परियोजना को माह दिसम्बर 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। इस सेतु के बन जाने से सेतु का उपयोग मंझनपुर रोड एवं जी0टी0 रोड के आवागमन हेतु किया जायेगा एवं अत्याधिक जाम की समस्या का निदान हो जायेगा तथा रेलवे का संचालन भी सुचारू रूप से सम्पादित हो सकेगा।
उप मुख्यमंत्री जी ने उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज-कानपुर सेक्शन के किमी0 890/13-15 (अथसराय) के रेलवे सम्पार संख्या 32सी पर 02 लेन रेल उपरिगामी सेतु के निर्माण का शिलान्यास किया जिसकी स्वीकृति लागत रू0 3912.11 लाख है। इस परियोजना को माह मार्च 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। इसी तरह से मा0 उप मुख्यमंत्री जी ने विधानसभा सिराथू की लोक निर्माण विभाग की कुल 30 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं 38 परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
कार्यक्रमों के दौरान मा0 विधायक मंझनपुर श्री लाल बहादुर, मा0 विधायक सिराथू श्री शीतला प्रसाद उर्फ पप्पू पटेल, मा0 विधायक चायल श्री संजय गुप्ता, , जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कल्पना सोनकर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं जिलाधिकारी श्री सुजीत कुमार व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
प्रबंध निदेशक, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 ने किया कस्टमर केयर सेंटर एवं आई.आई.एम. रोड स्थिति उपकेन्द्रों का निरीक्षण
प्रबन्ध निदेशक, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि ने हुसैनगंज स्थित कस्टमर केयर संेटर एवं आई0आई0एम0 रोड स्थित 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र, एल्डिको सिटी में स्थापित विद्युत उपकेन्द्र तथा न्यू युनिवर्सिटी के 33/11 केवी विद्युत का निरीक्षण करते हुए इन क्षेत्रों में स्थापित परिवर्तकों के लोड की जांच की। सभी परिवर्तकों के लोड सामान्य पाये गये। प्रबन्ध निदेशक ने एल्डिको सिटी उपकेन्द्र में अधिकारियों द्वारा लगातार निरीक्षण न किये जाने पर निर्देशित किया कि उपकेन्द्र का लगातार निरीक्षण करना सुनिश्चित किया जाये।
मुख्य अभियन्ता लेसा सिस गोमती ने 33/11 केवी भीकमपुर उपकेन्द्र का रात्रि निरीक्षण किया। निरीक्षण में 33 केवी मैट्रो सिटी की केबल में तकनीकी खराबी पायी गयी जिसके कारण क्षेत्र की बिजली को बस पार से जोड़ने हेतु निर्देशित किया।
अधिशासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड, ऐशबाग ने विजलेंस टीम के साथ आज मॉर्निग रेड करते हुए पीली कालोनी, कुण्डरी रकाबगंज एवं शास्त्रीनगर में व्यापक अभियान चलाकर आवासीय परिसरों की जांच की। जिसमें 12 विद्युत उपभोक्ता चोरी में लिप्त पाये गये, जिनके खिलाफ धारा 135(1) के अन्तर्गत एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी।
अधिशासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड, रहीमनगर ने नाइट पैट्रोलिंग कर सिकन्दरपुर विलेज के परिवर्तकों के पीक आवर्स लोड की जांच की इसी क्रम में इन्जीनियरिंग कालेज विद्युत उपकेन्द्र में भी परिवर्तकों की मॉनीटरिंग की गयी तथा लोड बैलेंसिंग की गयी। इससे क्षेत्र का लोड 30 एम्पियर कम पाया गया।
अधिशासी अभियन्ता चिनहट ने चिनहट विद्युत उपकेन्द्र का रात्रि निरीक्षण करते हुए क्षेत्र में स्थापित परिवर्तकों के लोड को बैलेंस करने की कार्यवाही की, जिसमें सभी लोड सामान्य पाये गये। इसी क्रम में उपकेन्द्र के शिकायत रजिस्टर का भी निरीक्षण कर निर्देशित किया कि रजिस्टर में प्रत्येक उपभोक्ता के आने एवं जाने के समय को प्राथमिकता के आधार पर दर्ज कराया जाये।
समझौते के तहत राज्य के 20,000 इकाइयों को 72 करोड़ रुपये के ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर एक्कलाउड के लाइसेंस मुफ्त में प्रदान किए जाएंगे
उत्तर प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को टेक्नालॉजी से जोड़ने के उद्देश्य से सैपियो एनालिटिक्स एमओयू किया गया। कैसरबाग स्थित निर्यात प्रोत्साहन भवन में आयोजित कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई, डा0 नवनीत सहगल एवं सैपियो एनालिटिक्स के चीफ आपरेटिंग आफिसर श्री हार्दिक सोमानी द्वारा एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। इस समझौते के तहत सैपियो एनालिटिक्स द्वारा राज्य के 20,000 उद्योगों को 72 करोड़ रुपये के ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर एक्कलाउड के लाइसेंस मुफ्त में प्रदान किए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस समझौते के अन्तर्गत प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को उनकी लेखा प्रक्रियाओं को स्वचालित करने में मदद मिलेगी और आसानी से उद्यमी अपना जीएसटी दर्ज कर सकेंग। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल का उद्देश्य राज्य के बहुत छोटे व्यापारियों को समर्थ बनाकर मुख्य धारा में शामिल करने का है। साथ ही अन्य छोटे और माध्यम वर्गीय व्यवसायों को उनके विकास में मदद करना है। २०,००० इकाइयों से इस ऑटोमेशन की शुरुआत की जा रही है। इसके साथ ही उद्यमियों टैक्स फाइलिंग और प्रबंधन सहित सभी लेखाँकन और सूची प्रबंधन प्रक्रियाओं को स्वचालित करने में सहायता भी मिलेगी। इसके अतिरिक्त उद्यमी अपने उत्पादों की बिक्री और खरीद प्रबंधन में सक्षम बनेंगे। डा0 सहगल ने बताया कि इस साफ्टवेयर के उपयोग से छोटे-छोटे उद्योगों में डिजिटल क्रांति आयेगी और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में बढोत्तरी होगी। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन इकोनॉमी को गति मिलेगी। साथ-साथ छोटे-छोटे उद्योगांे को ग्लोबल प्लेटफार्म भी प्राप्त होगा। उन्हांेने बताया कि एक्कलाउड वेब और मोबाइल दोनों पर उपलब्ध होगा। अंग्रेजी भाषा के साथ हिंदी में भी कार्य करने की सुविधा दी जायेगी। विभाग में नोडल अधिकारी नामित किये जायेंगे, जो इसके संचालन हेतु उद्यमियों की मदद भी करेंगे। साथ उद्यमियों की सुविधा के लिए अलग से एक हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया जायेगा। इस कार्यक्रम में सैपियो एनालिटिक्स की सीईओ अश्विन श्रीवास्तव सहित उद्योग संगठनों के प्रमुखों के साथ-साथ प्रमुख कॉर्पोरेट घरानों के सीईओ और उनके प्रतिनिधि वर्चुअल शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष, श्री हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में आज यूनिसेफ द्वारा कोविड़-19 बच्चों पर प्रभाव एवं उनकी सुरक्षा पर एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें 50 से ज्यादा विधान सभा सदस्यों एवं यूनिसेफ के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
परिचर्चा का प्रारम्भ कोविड-19 महामारी के दौरान दिवंगत हुए मा0 विधायकों एवं विधान सभा के अधिकारियों, कर्मचारियों को श्रद्धांजलि देकर किया गया। सभा को सम्बोधित करते हुए श्री दीक्षित ने कहा कि विधान सभा कार्यालय और विधान सभा सदस्यों ने समय-समय पर बच्चों के जीवन में आने वाली चुनौतियों का संज्ञान लिया है और गम्भीर चर्चा की है। सदन की महिला एवं बाल विकास सम्बन्धी संयुक्त समिति नियमित रूप से बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा एवं शिक्षा पर चर्चा करती है और प्रदेश में इन मुददो की समीक्षा करती है।
श्री अध्यक्ष ने कहा कि यूनिसेफ संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है। जो विश्व भर के 190 देशों में बाल अधिकारों को बढ़ावा देने का कार्य करती है। यूनिसेफ का प्रयास हमेशा सबसे कमजोर और जरूरतमंद बच्चों को उनके अधिकार दिलाने का होता है। बाल अधिकारों के सन्दर्भ में यूनिसेफ ने बड़ा सहयोग और प्रशंसनीय कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस महामारी से लड़ाई में अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पायी है। उन्होंने भारत के संघीय ढ़ांचे के अन्तर्गत बार-बार मा0 मुख्यमंत्रियों से परामर्श लिया है। यह अपने आप में अनूठा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महामारी से लड़ने के लिए अद्वितीय प्रबन्धन किया है, जिसे मैक्रो प्रबन्धन भी कह सकते है। अनेक ऐसे गरीब परिवारों के बच्चों जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है और बच्चे अनाथ हुए है। उनके लिए मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा विशेष बाल सेवा योजना लागू की गयी है जिसके अन्तर्गत प्रदेश सरकार ऐसे बच्चों की सम्पूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन करेगी और 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक प्रति माह 4000 रुपये दान करेगी। कन्याओं के विवाह 1.01 लाख रुपये की धनराशि से आर्थिक सहायता दी जायेगी।
विधान सभा में कोविड़ 19 के संकट में विधान सभा के सदस्यों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संकट की इस घड़ी में जनता के लिए वह हमेशा उपलब्ध रहे। हर किसी को सुविधा प्रदान कराने का प्रयास किया है। कोविड़ काल में अन्य प्रदेशों के आये प्रवासी मजदूरों को आवास एवं भोजन और उनके गंतव्य स्थानों पर पहुचाने का काम किया। अपने वेतन का 30 प्रतिशत कोविड़ केयर फण्ड में दान दिया है। 01 वर्ष की विधायक निधि कोविड़ के लिए उपलब्ध कराया है।
विधान सभा के सभी सदस्यों ने कोविड महामारी के दौरान अपने क्षेत्रों में बहुत परिश्रम किया है। प्रवासी मजदूरों की सहायता से ले कर राशन उपलब्ध करना, रोगियों को उपचार दिलाना, जन जागरूकता बढ़ाना आदि कार्य हर क्षेत्र में किए गए हैं। कोविड से प्रभावित बच्चों के अधिकारों के प्रति भी सभी सदस्य कटिबद्ध हैं एवं अपना पूर्ण योगदान दे रहे है।
यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस, सुश्री रूथ लीयनो ने कहा, विगत वर्षों में यूनिसेफ ने माननीय सदस्यों के साथ मिल कर बाल अधिकार से जुड़े विषयों पर कार्य करने का प्रयास किया है। कोविड 19 महामारी ने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आदि सभी को प्रभावित किया है। महामारी की दूसरी लहर में कुछ बच्चों ने अपने माता पिता को खोया है और ऐसे बच्चों की सुरक्षा और उचित देखभाल सुनिश्चित करने में उत्तर प्रदेश सरकार ने सराहनीय कदम उठाए हैं। परिचर्चा के दौरान प्रदेश के विभिन्न कोविड प्रभावित बच्चों ने अपने अनुभव भी साझा किए जिसके उपरांत माननीय सदस्यों द्वारा बालाधिकार संरक्षण में जन प्रतिनिधियों की भूमिका पर चर्चा की गई। यूनिसेफ की हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ कानुप्रिय सिंघल द्वारा महामारी के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डाला गया। सत्र के दौरान डॉ सिंघल ने सदस्यों द्वारा तीसरी लहर एवं टीकाकरण आदि विषय पर पूछे गए प्रश्नों के भी उतर दिये। यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के प्रोग्राम मैनेजर श्री अमित मेहरोत्रा ने बताया कि कैसे कोविड 19 बच्चों के लिए दोहरी विपदा का समय है और उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। उन्होंने महामारी का बच्चों पर प्रभाव विषय पर चर्चा की। सत्र के दौरान माननीय सदस्यों ने बच्चों के अधिकारों के प्रति कार्य करने की प्रतिज्ञा की एवं एक संयुक्त घोषणा पत्र भी जारी किया। विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री प्रदीप दुबे ने पारिचर्चा में भाग लेने के लिए सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।
उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष ने नवगठित समिति, नियम समिति का किया उद्घाटन
उत्तर प्रदेश विधान सभा की नवगठित समिति नियम समिति का आज विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि नियम समिति सदन की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली में नये नियमों को जोड़ने व नियमों में संशोधन का महत्वपूर्ण कार्य करती है। दीक्षित ने बताया कि जब सदन सत्र में नहीं होता तो विधान सभा की समितियों के माध्यम से सदन का कार्य संचालित होता है। इस दृष्टि से संसदीय समितियां सदन का विस्तार है। उत्तर प्रदेश में 19 समितियां है और सभी समितियों का काम और विस्तार अलग-अलग है। वैश्विक महामारी कोविड के चलते सामान्य जन जीवन भी प्रभावित हुआ है। हम अपने नियमित कर्तव्य पालन को भी संपादित करने में सफल नहीं हो पाए है। महामारी के व्यवधान के कारण समितियों की बैठकें नहीं हो पाई। अध्यक्ष ने बताया कि नियम समिति विधान सभा की एक अत्यंत्र महत्वपूर्ण समिति है, जो सदन में प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के सम्बन्ध में प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों एवं संशोधनों पर विचार करती है और उक्त नियमावली में ऐसे संशोधनों की सिफारिश करती है जो वह आवश्यक समझे। उन्होंने बताया कि विधान सभा का कोई भी मा॰ सदस्य इस नियमावली के सम्बन्ध में संशोधन की सूचना दे सकता है। इसी नियम समिति की संस्तुति पर विधान सभा की नई समिति संसदीय अनुश्रवण समिति का गठन किया गया है। ऋग्वेद एवं अथर्ववेद का उल्लेख करते हुए श्री दीक्षित ने कहा कि दोनों में सभा और समितियों का जिक्र आता है। उस समय भी सभा और समितियों के माध्यम से राष्ट्र जीवन को संचालित किये जाने का कार्य होता था। सभा और समितियों के लिए भी नियम बनाए गये थे। विधान सभा की नियम समिति भी विधान सभा की कार्यप्रणाली कैसे संचालित हो उसके लिए नियम का निर्माण करती है। नियम समिति में उपस्थित मा0 सदस्यगण ने मा0 अध्यक्ष को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया और समिति के कार्य संचालन में अपना अमूल्य योगदान देने का संकल्प दोहराया।
बैठक में उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव, श्री प्रदीप कुमार दुबे एवं अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।
प्रदेश सरकार उद्योगों को निर्बाध गति से संचालित करने के लिए। निरंतर प्रयास कर रही। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में उद्योगों में कार्यरत कार्मिंकों का अहम योगदान, इन कार्मिकों एवं उनके परिवारीजनों का वैक्सीनेशन अति आवश्यक
औद्योगिक समूह अपने कार्मिकों का शीघ्र टीकाकरण के लिए निजी अस्पतालों का भी सहयोग ले सकते हैं-श्री संजीव मित्तल
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना कहा कि प्रदेश सरकार उद्योगों को निर्बाध गति से संचालित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके लिए उद्योगों में कार्यरत कार्मिकों एवं उनके परिवारीजनों का वैक्सीनेशन अति आवश्यक है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में औद्योगिक समूहों और उद्योगों में कार्यरत कार्मिंकों का बहुत बड़ा योगदान है। उद्योगों में कार्य करने वाला प्रत्येक व्यक्ति एक-दूसरे जु़ड़ा रहता है। जरूरी है कि सभी का टीकाकरण हो, जिससे कि उद्योगों के संचालन में कोई संकट पैदा न हो। महाना आज अपने कार्यालय कक्ष में औद्योगिक संगठनांे, निजी औद्योगिक घरानों एवं औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत कर्मियों एवं उनके परिवारीजनों का कोविड से बचाव हेतु वैक्सीनेशन कराने के संबंध में वर्चुअल बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों एवं संगठनों के सहयोग से टीकाकरण महा अभियान को संचालित कराया जायेगा तथा उनके जो भी मुद्दे होंगे उसका भी समाधान किया जायेगा। प्रदेश सरकार प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा की चिंता कर रही है। कोविड महामारी से बचाव के लिए सभी अपना टीकाकरण कराकर सुरक्षित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक समूहों को स्वयं तक करना होगा कि उन्हें कौन सी वैक्सीन लगवानी है, जिसे सरकार को भी कार्य करने में आसानी हो सके।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि टीकाकरण के संबंध में इस बैठक में शामिल उद्योगपतियों के सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई की सभी यूनिट्स अपने यहां के कर्मचारियों का टीकारण कराने के लिए निकट्म सरकारी अस्पालों में सम्पर्क कर सकते हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था मंद न पड़े इसके लिए सरकार उद्योगों को चलाने का प्रयास कर रही है। इन समूहों में टीकाकरण होने के पश्चात उद्योगों के संचालन में कोई कठिनाई नहीं होगी। औद्योगिक विकास आयुक्त श्री संजीव मित्तल ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से कोविड की दूसरी लहर में भी अर्थव्वस्था को नुकसान नहीं हुआ। उद्योग-धंधे चलते रहे और श्रमिकों को काम भी मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए आवश्यक है कि सभी औद्योगिक संगठन/समूह प्रदेश सरकार की वैक्सीनेशन अभियान का लाभ लें, जिससे संकट की घड़ी में भी उनके उद्योग चलते रहें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने निजी अस्पतालों में वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई है। औद्योगिक समूहांे को अपने कार्मिकों का शीघ्र टीकाकरण के लिए इसका लाभ ले। अपर मुख्य सचिव, डा0 नवनीत सहगल ने प्रदेश सरकार के टीकाकरण अभियान की प्रसंशा करते हुए कहा कि औद्योगिक संगठनों/समूहों के कार्मिकों एवं उनके परिजनों का टीकाकरण करवाने सरकार अहम सहयोग प्रदान करेगी। इसमें औद्योगिक समूहों को भी सरकार के टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए मिलकर कार्य करना होगा। अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास श्री अरविंद कुमार ने कहा कि औद्योगिक समूहों में टीकाकरण के लिए लगातार उद्यमियों से सम्पर्क किया जा रहा है तथा सरकार इन्हें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। इन कार्मिकों का तेजी से टीकाकरण हो, इसके लिए प्रत्येक जिले में निजी कोविड संेटर भी स्थापित किये जा सकते हैं। अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि शीघ्र टीकाकरण के लिए औद्योगिक संगठन निजी चिकित्सालयों के माध्यम से भी वैक्सीनेशन करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों का फ्री वैक्सीनेशन के संकल्पबद्ध है, लेकिन प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए उद्योगों में कार्य करने वाले कार्मिकों का शीघ्र टीकाकरण कराना जरूरी है। निजी वैक्सीनेशन संेटर से टीकाकरण कराने में तेजी से टीकाकरण हो सकेगा। स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में अहम योगदान देगा तथा इसमें कर्मचारी कल्याण संगठन के अंतर्गत स्थापित अस्पतालों का भी सहयोग लिया जायेगा।
सहकारी गन्ना समितियों एवं चीनी मिल समितियों के पूर्व पदाधिकारियों द्वारा तत्कालीन पदनाम के साथ ’पूर्व’ लगाकर लेटर पैड पर किए गए पत्राचार का गन्ना विभाग द्वारा नहीं लिया जायेगा संज्ञान। सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के पूर्व पदाधिकारियों द्वारा अनाधिकृत रूप से लेटर पैड पर पत्राचार कर तत्कालीन पद का प्रभाव डालने का किया जा रहा है प्रयास। कार्यकाल समाप्त होने के बाद तत्कालीन पदनाम के साथ ’पूर्व’ शब्द जोड़कर लेटर पैड का प्रयोग, नियमों की अवहेलना एवं तत्कालीन पद में निहित शक्तियों का दुरूपयोग। प्रदेष के आयुक्त गन्ना एवं चीनी तथा निबन्धक, सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियाँ, उत्तर प्रदेष द्वारा बताया गया कि, प्रदेष की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के ऐसे पदाधिकारी, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है, वे अभी भी लेटरपैड पर तत्कालीन पदनाम के साथ ’पूर्व’ लगाकर विभाग से पत्राचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि, गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के पूर्व पदाधिकारियों द्वारा उनके तत्कालीन पदों के आगे ’पूर्व’ शब्द जोड़कर पत्राचार करना व्यवहारिक रूप से नियमों की अवहेलना है तथा ऐसे पत्राचार को गन्ना विकास विभाग के कार्यालयों द्वारा व्यवहरित नहीं किया जायेगा। उन्होने बताया कि, प्रदेष की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में प्रबन्ध कमेटियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, इसके बावजूद भी जिला एवं परिक्षेत्रीय कार्यालयों तथा मुख्यालय से पत्राचार के लिए पूर्व पदाधिकारियों द्वारा अपने तत्कालीन पदनाम के साथ ’पूर्व’ लगाकर लेटर पैड का प्रयोग कर विभागीय कार्मिकों पर प्रभाव डालकर कार्य कराने का प्रयास किया जाता है, जो कि तत्कालीन पद में निहित शक्तियों का दुरूपयोग है। निबन्धक द्वारा बताया गया कि, इस सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों को निर्देष जारी कर दिये गये हैं कि, इस प्रकार से होने वाले पत्राचार आदि को व्यवहरित न किया जाये एवं तत्कालीन पदनाम के साथ ’पूर्व’ लगाकर लेटर पैड पर पत्राचार करने वाले पदाधिकारियों को सामान्य सदस्य मानते हुए उनसे सामान्य पत्र प्राप्त कर ही कार्यवाहियाँ की जाये।