डीआरडीओ की एंटी ड्रोन सिस्टम का प्रशिक्षण सफल
तीन-चार किलोमीटर के दायरे में ड्रोन की फ्रीक्वेंसी को जाम कर सकता है एंटी ड्रोन सिस्टम
नई दिल्ली- जम्मू कश्मीर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर 26 -27 जून को ड्रोन हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा के और भी पुख्ता इंतजाम किए। भविष्य में ड्रोन हमले जैसी घटना दोबारा न हो इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। एयरफोर्स स्टेशन पर किसी भी हमले को रोकने के लिए अब एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया जाएगा। इसके साथ ही पूरे इलाके में जैमर भी लगाए गए हैं, ताकि दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का हलचल तुरंत ज्ञात कर मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
डीआरडीओ की एंटी ड्रोन तकनीक इसके लिए ज्यादा प्रभावी है। इसके जरिये तीन-चार किलोमीटर के दायरे में ड्रोन की फ्रीक्वेंसी को जाम किया जा सकता है तथा लेजर वैपन से हमला कर उसे नष्ट किया जा सकता है। इसे पिछले साल 15 अगस्त को लालकिले की सुरक्षा में भी तैनात किया गया था। हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने इसे तिरुमला मंदिर में तैनात करने का भी फैसला किया है।
डीआरडीओ ने दिया प्रजेंटेशन
सूत्रों के अनुसार इस बीच डीआरडीओ की तरफ से सेना एवं सुरक्षा बलों को कई चरणों में एंटी ड्रोन तकनीक के प्रजेंटेशन दिए गए हैं। खबर है कि सशस्त्र बलों की तरफ से सकारात्मक फीडबैक मिला है। इसलिए कुछ संवेदनशील स्थानों पर तैनाती के लिए इस तकनीक को खरीदा जा सकता है।
ज्ञात सूचना के अनुसार यदि सुरक्षाबलों के लिए डीआरडीओ की एंटी ड्रोन तकनीक की खरीद का फैसला होता है तो इसके निर्माण के लिए रणनीतिक भागीदारी में निजी क्षेत्र की मदद ली जा सकती है। इससे कम समय में इसका ज्यादा संख्या में निर्माण करना संभव हो सकेगा।