लखनऊ। हजरतगंज में लोकभवन के पास आत्मदाह करने के लिए उन्नाव से घायलावस्था में लडख़ड़ाते हुए आए वृद्ध धर्मराज शर्मा को एसीपी राघवेंद्र मिश्रा और इंस्पेक्टर श्यामबाबू शुक्ला ने पकड़ लिया। दोनों अधिकारियों ने वृद्ध की समस्या सुनी और उन्नाव पुलिस को मामले से अवगत कराया। इसके बाद वृद्ध का सिविल अस्पताल में इलाज कराया और जाने के लिए किराया देकर उन्हें समझा-बुझाकर भेज दिया। वृद्ध ने जमीन कब्जे को लेकर उन्नाव पुलिस पर सुनवाई न करने का आरोप लगाया है।
गुरुवार दोपहर करीब 12:15 बजे हजरतगंज गांधी प्रतिमा के पास शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन चल रहा था। बड़ी संख्या में भीड़ थी। हजरतगंज समेत कई थानों का पुलिस बल प्रदर्शनकारियों को हटा रहा था। उन्हें बस में भरकर ईको गार्डेन भेज दिया। इस बीच लोक भवन के पास उन्नाव के सेखपुर नरी निवासी वृद्ध धर्मराज लडख़ड़ाते हुए दो झोले लेकर आ रहे थे। धर्मराज ने आत्मदाह का प्रयास करने लगे। यह देख एसीपी राघवेंद्र मिश्रा और इंस्पेक्टर श्यामबाबू शुक्ला ने हमराहियों के साथ ने उन्हें बचा लिया। इसके बाद उन्हें भाजपा मुख्यालय के पास पुलिस बूथ पर लेकर पहुंचे। वहां पहुंचते ही वृद्ध फूट-फूटकर रोने लगा। वृद्ध को पानी पिलाने के बाद चाय पिलाई। हालात सामान्य होने पर वृद्ध ने बताया कि उसके हिस्से की साढ़े तीन बीघा जमीन उसकी भाभी राजरानी और भतीजे सुनील ने मिलकर बेच दी है। तहसील दिवस में प्रार्थनापत्र दिया था। पर कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्नाव कोतवाली में भी तहरीर दी पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। हफ्ते भर पहले भतीजों और भाभी ने मिलकर जमकर पीटा था। पैर में घाव हो गया ठीक से चल नहीं पा रहा। इसके बाद पड़ोसियों से किराए के लिए रुपया उधार मांग कर आया।
मुख्यमंत्री से मिलना है नहीं तो आत्महत्या कर लूंगा: पुलिस कर्मियों ने वृद्ध को समझा बुझाकर शांत कराया ढांढस बंधाया। इंस्पेक्टर ने शहर कोतवाल उन्नाव से बात कर उन्हें मामले की जानकारी दी। इसके बाद वृद्ध को गाड़ी से सिविल अस्पताल भेजा। वहां उसकी ड्रेसिंग हुई। किराये के लिए रुपये देकर उन्नाव भेज दिया। कोई अन्य समस्या होने पर एसीपी राघवेंद्र मिश्रा ने अपना फोन नंबर दिया वह उनसे बात कर लें समस्या का निस्तारण होगा।