उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने संरक्षा/कार्य-निष्पादन समीक्षा बैठक का आयोजन किया
· रेल परिसम्पत्तियों की संरक्षा और अनुरक्षण पर बल · कोहरे के मौसम के दौरान रेल परिचालन में चुनौतियां · और अधिक क्रैक मालभाड़ा रेलगाडि़यां चलाने पर बल
नई दिल्ली :- उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री आशुतोष गंगल ने उत्तर रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया। बैठक में रेलों पर संरक्षा को प्राथमिकता दिए जाने पर बल दिया गया । इसके लिए रेलपथों, चलस्टॉक, सिगनल और बिजली के ओवरहैड तारों के अनुरक्षण को उच्च वरीयता दी जानी चाहिए ।
मंडल रेल प्रबंधकों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने मालभाड़ा संचलन में अधिकतम आउटपुट हासिल करने के लिए और अधिक क्रैक रेलगाडि़यां चलाने के लिए मंडलों को निर्देश दिए । मार्ग में क्रू-कर्मचारियों को बदले बिना पृथक क्रैक मार्गों पर क्रैक मालभाड़ा मालगाडि़यां चलाई जा रही हैं । उत्तर रेलवे और उसके निकटवर्ती ज़ोनों पर 35 मुख्य क्रैक मार्ग उपलब्ध हैं । इनमें रोहतक-ग़ाजि़याबाद, जींद-तुगलकाबाद, बठिंड़ा-शकूरबस्ती, रोज़ा-ग़ाजि़याबाद, अम्बाला-तुगलकाबाद, शकूरबस्ती-ग़ाजि़याबाद, जम्मूतवी-जलंधर छावनी, जलंधर-सहारनपुर, लुधियाना-जींद, रोज़ा-सुलतानपुर, आलमनगर-पण्डित दीन दयाल उपाध्याय इत्यादि प्रमुख क्रैक मार्ग हैं ।
उन्होंने विभागों से रेल कर्मचारियों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण एवं पुनश्चर्या पाठयक्रम आयोजित करने का परामर्श दिया ताकि उन्हें जागरूक बनाए रखा जा सके और रेल प्रणाली में मानवीय त्रुटियों को कम किया जा सके। सर्दियों के मौसम में घने कोहरे से उत्तरी क्षेत्र में रेल परिचालन बहुत कठिन हो जाता है । उन्होंने सभी मंडलों को निर्देश दिया कि सिगनल प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जायें ।
महाप्रबंधक ने रेल पटरियों में आने वाली दरारों पर चिंता प्रकट की और सिगनलों, रेल दरारों और रेल वेल्डों की व्यापक रूप से निगरानी के निर्देश दिये ।
उन्होंने, जहां भी आवश्यक है, वहां पेड़ों की छँटाई के लिए वन विभाग से अनुमोदन लेने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए ताकि उनसे रेल पटरियों अथवा ओएचई तारों को कोई क्षति न पहुँचे ।
उन्होंने रेलपथों पर विद्युत संरक्षा के साथ-साथ रेलगाडि़यों के निर्बाध परिचालन के लिए रिले और पैनल रूमों की संरक्षा पर भी ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश दिए । उन्होंने रेल परिचालन में मानवीय त्रुटियों को कम करने पर जोर दिया । उन्होंने विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों को समयपालनबद्धता को 95% बनाये रखने और माल लदान व संरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए ।
मालभाड़ा बिजनेस डेवलपमेंट पर बात करते हुए महाप्रबंधक ने व्यापार यूनिटों के बढ़े हुए दायरों का जायज़ा लिया । उन्होंने कहा कि बीडीयू को ग्राहकों के बीच भरोसे, सहयोग और आत्मविश्वास का माहौल बनाना चाहिए । उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा दी जा रही रियायतें ग्राहकों तक पहुँचनी चाहिए । उन्होंने बताया कि खाद्यान्नों एवं अन्य मदों के लदान में प्रत्येक गुजरते माह के साथ वृद्धि हुई है ।
उत्तर रेलवे अपने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित, सुगम और बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है ।