उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने संरक्षा/कार्य-निष्पादन समीक्षा बैठक का आयोजन किया
• आगामी कोहरे के मौसम के दौरान होने वाली तैयारियों पर बल • बढ़ी हुई क्षमता वाली मालभाड़ा रेलगाडि़यों के लिए नए मार्ग (सीसी+8+2) • रेलपथों पर संरक्षा • समयपालनबद्धता 95%
नई दिल्ली :- उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री आशुतोष गंगल ने उत्तर रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया । बैठक में आगामी कोहरे के मौसम के दौरान रेलपथों पर संरक्षा, बिजनेस डेवलपमेंट, समयपालनबद्धता और मालभाड़ा लदान पर बल दिया गया ।
उन्होंने कहा कि रेलवे के लिए संरक्षा सर्वोपरि है । महाप्रबंधक ने रेलपथों, वैल्डों के अनुरक्षण मानकों को बेहतर बनाने और रेल पटरियों के निकट स्क्रैप को हटाने के लिए जोन में किए गए कार्यों की समीक्षा की । उन्होंने रेलपथों पर गिरे पेड़ों के मामलों पर चिंता जताई । उन्होंने सुरक्षित और सुगम रेल परिचालन के लिए हर तरह की बाधाओं को हटाने के निर्देश दिए । उन्होंने कोहरे के मौसम के दौरान संरक्षा बढ़ाने के लिए, और जहां आवश्यक है, वहां कर्मचारियों को परामर्श देने के लिए मंडलों को अभियान चलाने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि पटरियों में दरारों और वैल्डों की निगरानी व्यापक रूप से की जानी चाहिए और कोई गलती नहीं रहनी चाहिए ।
मालभाड़ा बिजनेस डेवलपमेंट पर बात करते हुए महाप्रबंधक ने व्यापार यूनिटों के बढ़े हुए दायरों का जायज़ा लिया । उन्होंने कहा कि बीडीयू को ग्राहकों के बीच भरोसे, सहयोग और आत्मविश्वास का माहौल बनाना चाहिए । उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा दी जा रही रियायतें ग्राहकों तक पहुँचनी चाहिए । महाप्रबंधक ने मालभाड़ा व्यापार और मालभाड़ा लदान को बढ़ाने की रणनीतियों की समीक्षा की ।
उन्होंने कुल भार वहन क्षमता +8=2 वैगन नीति के तहत वैगनों के लिए 8 नए रेल मार्गों को अनुमोदन दिया । कुल 358 रुट किलोमीटर वाले इन 8 रेल मार्गों में बठिंडा-श्रीगंगानगर, चंडीगढ़-न्यूमोरिंडा-खमाणों-साहनेवाल, अमृतसर-पठानकोट, मेरठ छावनी-टपरी, हापुड़-मेरठ सिटी, ऋषिकेश-रायवाला, जंघई जं0-जफ़राबाद और सुलतानपुर-फैजाबाद शामिल हैं । उन्होंने बताया कि खाद्यान्नों एवं अन्य मदों के लदान में प्रत्येक गुजरते माह के साथ वृद्धि हुई है ।
उन्होंने रेलपथों पर विद्युत संरक्षा के साथ-साथ रेलगाडि़यों के निर्बाध परिचालन के लिए रिले और पैनल रूमों की संरक्षा पर भी ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश दिए । उन्होंने रेल परिचालन में मानवीय त्रुटियों को कम करने पर जोर दिया। उन्होंने विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों को समयपालनबद्धता को 95% बनाये रखने और माल लदान व संरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए ।उत्तर रेलवे अपने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित, सुगम और बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है ।