ज्ञानवापी मस्जिद मामला: जिस इलाके में ‘शिवलिंग’ मिला है उसे सील करें, किसी को अनुमति न दें, वाराणसी कोर्ट का आदेश

कोर्ट ने सीलबंद जगह में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है।

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वाराणसी – वाराणसी की एक अदालत ने सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर “जहां शिवलिंग मिला है, उसे तुरंत सील करने” का आदेश दिया और कहा कि सील किए गए क्षेत्र में किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील के आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा, “वाराणसी के जिलाधिकारी को निर्देश दिया जाता है कि वह उस स्थान को तुरंत सील कर दें जहां शिवलिंग मिला है। किसी भी व्यक्ति को उस स्थान में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जिसे सील किया जाएगा। जिस स्थान को सील किया जाएगा, उसकी सुरक्षा और अभिरक्षा की जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी पुलिस आयुक्त और सीआरपीएफ कमांडेंट, वाराणसी की मानी जाएगी।

कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि जगह की सीलिंग की निगरानी की जिम्मेदारी यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और यूपी के मुख्य सचिव (प्रशासन) की होगी।

पांच हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता हरि शंकर जैन द्वारा सोमवार को वाराणसी की अदालत में एक आवेदन दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि “वजू खाना के स्थान पर मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग पाया जाता है”।

आयोग द्वारा किए जा रहे परिसर का तीन दिवसीय सर्वेक्षण सोमवार को दोपहर में संपन्न हुआ, जिसमें अधिकारियों ने कहा कि सर्वेक्षण के निष्कर्ष “गोपनीय” थे।

पांच महिलाओं द्वारा दायर मुकदमे में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले जिला सरकार के वकील (सिविल) महेंद्र पांडे ने पुष्टि की कि वाराणसी की अदालत ने सोमवार सुबह आदेश पारित किया था।

 

 

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