नई दिल्ली। देश के कुछ राज्यों में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले से केंद्र सरकार परेशान है। यही वजह है कि इस मसले को खुद पीएम नरेंद्र मोदी ही देख रहे हैं। इन राज्यों में बढ़ते मामलों पर पीएम मोदी खुद चिंता जता चुके हैं। इसको देखते हुए शुक्रवार को वे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, ओडिशा और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक कर रहे हैं।
इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि देश में आने वाले कुल मामलों में से 80 फीसद से अधिक मामले और मौतें केवल इन्हीं राज्यों में हुई हैं। इसके लिए तेजी से काम करना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि 23 हजार करोड़ रुपये का फंड इमरजेंसी कोविड रिस्पॉन्स के तहत रखा है। इसका उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं में किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यों को सलाह दी है कि ग्रामीण क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि बच्चों को हर हाल में इससे बचाना होगा। पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि इन राज्यों को अपने यहां पर अस्पतालों में बैड की स्थिति भी बढ़ानी होगी और स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान देना होगा।
पीएम मोदी ने इस बैठक में कहा कि राज्यों को पारदर्शी तरीके से आंकड़ों को साझा करना चाहिए। पीएम मोदी ने इन राज्यों को सख्त हिदायत दी कि हर हाल में तीसरी लहर की आशंका को टालना होगा। उन्होंंने कहा कि विशेषज्ञ साफ कर चुके हैं कि यदि हालात नहीं सुधरे तो ये बेहद गंभीर हो सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने उन देशों का भी जिक्र किया है जहां पर कोरोना की वजह से हालात गंभीर हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कई राज्यों में अनलॉक के दौरान जो तस्वीरें सामने आई है, वो चिंता को बढ़ाने वाली हैं। इसको रोकने की जरूरत है। लोगों को बताना होगा कि कोरोना हमारे बीच से अभी गया नहीं है। लोगों को जागरूक करने के लिए सभी पार्टियों के अलावा एनजीओ और दूसरों को भी इसके लिए साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि वो हर समय मौजूद रहेंगे। अंंत में उन्होंने कहा कि हम इस लड़ाई में जरूर जीतेंगे।
पीएम मोदी ने इस बैठक में राज्यों को इस बात की भी हिदायत दी थी इन राज्यों को कंटेनमेंट जोन और माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर अधिक ध्यान देना होगा। उनका कहना था कि इस रणनीति के साथ कई राज्यों ने अपने यहां पर कोरोना पर लगाम लगाई है।
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