प्रयागराज :- हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में राजभाषा पखवाड़ा समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम एवं क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार ने कहा कि हिंदी दिवस हम सबके लिए एक राष्ट्रीय पर्व के समान है। हिंदी पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोती है। यह भाषा पूरे देश में विभिन्न भाषा-भाषी समुदायों के आपसी मेलजोल एवं समन्वय से पल्लवित और विकसित हुई है।
राष्ट्र और राष्ट्रीयता के विकास की अपनी इसी ऐतिहासिक परंपरा में आज हिंदी नए भारत के नवसंकल्पों को मुखरित कर रही है तथा विश्व पटल पर इसे सशक्त, सुदृढ़ एवं महत्वाकांक्षी भारत की पहचान का सम्मान मिला है। सूचना टेक्नालॉजी के बढ़ते कदमों के कारण मीडिया, मनोरंजन, व्यापार, वाणिज्य जैसे विविध क्षेत्रों के अतिरिक्त उन तकनीकी क्षेत्रों में भी हिंदी के प्रगामी प्रयोग की क्षमता और संभावना कई गुना बढ़ गई है।
महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार ने कहा
महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार ने कहा कि रेलवे के सरोकार सीधे आम जनता से जुड़े हुए हैं। सामाजिक दायित्वों और व्यावसायिक लक्ष्यों की समन्वित नीति के तहत अपने कार्यों, योजनाओं और उपलब्धियों को आमजन तक राजभाषा में पहुँचाने से उनके प्रति हमारी प्रतिबद्धता परिलक्षित होती है। इस क्रम में उन्होंने विभागों के आंतरिक कामकाज में हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग पर जोर दिया। श्री प्रमोद कुमार ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों, भाषाओं और संस्कृतियों के यात्री जब रेलवे के जनसंपर्क स्थलों तथा गाड़ियों में होते हैं, तो स्वाभाविक तौर पर उनके बीच विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम हिंदी ही होती है और वहाँ हिंदी का विशाल भावनात्मक विस्तार देखने को मिलता है
अतः वहाँ हिंदी के सहज, सरल और सही प्रयोग से राजभाषा के प्रति हमारा संकल्प परिलक्षित होता है तथा जनता की भाषा में सर्वोत्तम सेवा प्रदान करने वाली अग्रणी रेलवे की हमारी छवि भी मजबूत बनती है। इस संदर्भ में श्री प्रमोद कुमार ने सभी सदस्यों को स्टेशनों, गाड़ियों और अन्य ग्राहक इंटरफेस वाले स्थानों पर ग्राहकों की सुविधाओं से संबंधित सूचनाओं, इलेक्ट्रानिक सूचना बोर्डों, नाम, पदनाम बैज, सभी रसीदों और सिस्टमों में यथावश्यक हिंदी और द्विभाषी रूप का प्रयोग सुनिश्चित करने तथा इनकी उपलब्धता पर लगातार निगरानी रखने की हिदायत दी।
उत्तर मध्य रेलवे में राजभाषा के उद्देश्यों
बैठक के प्रारंभ में मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान वित्त सलाहकार श्री अजय माथुर ने बैठक में शामिल सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर मध्य रेलवे में राजभाषा के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों को पूरा करने के कार्यों को एक अभियान के रूप में लिया गया है तथा अधिकारियों और कर्मचारियों की रचनात्मक एवं सहभागी भूमिकाओं को अधिकाधिक महत्व दिया जा रहा है। राजभाषा की उत्तरोत्तर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्यों के बारे में समिति को अवगत कराते हुए श्री माथुर ने उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में 14 सितंबर से 29 सितंबर तक सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ आयोजित किए जाने वाले राजभाषा पखवाड़ा कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।
बैठक के अवसर पर इस तिमाही में मुंशी प्रेमचंद, गोस्वामी तुलसीदास और भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की जयंती के उपलक्ष्य में साहित्यिक परिचर्चा आयोजित की गई, जिसमें अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक श्री महेन्द्र नाथ ओझा ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास एक नरपुंगव थे, जिसकी समकालीन समाज को अत्यधिक आवश्यकता थी। इतिहासकारों के अनुसार तुलसीदास अकबर से महान थे और भगवान बुद्ध के बाद महानतम लोकनायक थे। तुलसीदास जी का समय संस्कृति, सभ्यता, विचार, मान्यताओं और प्रणालियों की दृष्टि से एक संक्रमण का युग था।
गोस्वामी तुलसीदास जी
तुलसी ने शैव-शाक्त, ज्ञान-भक्ति, सगुण-निर्गुण, लोक एवं संस्कृति आदि के बीच सामंजस्य स्थापित कर अपने समय एवं समाज को स्पष्ट राह दिखाई।प्रेमचंद के साहित्य पर चर्चा के क्रम में श्री ओझा ने कहा कि सेवा सदन से गोदान तक की प्रेमचंद की साहित्यिक यात्रा आदर्श से यथार्थ की यात्रा है। यथार्थवाद विषमताओं और विकृतियों का नग्न चित्रण होता है, इसलिए रचनाओं में इसका हूबहू चित्रण नहीं किया जा सकता। इसलिए प्रेमचंद ने ऐसे साहित्य का प्रणयन किया, जो आदर्श की ओर उन्मुख हो, लेकिन हकीकत से दूर न हो।
यही प्रेमचंद के आदर्शोंन्मुख यथार्थवाद की परिभाषा है। श्री ओझा ने प्रेमचंद की कहानी ”नमक का दारोगा” के महत्वपूर्ण अंशों का पाठ किया और उसकी प्रभावशाली समसामयिक विवेचना की। श्री महेन्द्रनाथ ओझा ने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र नवजागरण के वह सूर्य थे जिन्होंने देश भक्ति की भावना को देशभाषा और बोलियों के उत्थान और ब्रिटिश राज की अत्याचारी हुकूमत के विरोध के स्वर को राष्ट्र चेतना से जोड़ा।
बैठक के बैठक के पूर्व महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर राजभाषा पखवाड़ा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी राजभाषा प्रतिज्ञा दिलाई और त्रैमासिक पत्रिका ”रेल संगम” का विमोचन किया।
बैठक में अपर महाप्रबंधक श्री रंजन यादव सहित सभी प्रधान विभागाध्यक्ष उपस्थित थे। मंडलों के अपर मंडल रेल प्रबंधक, कारखानों के मुख्य कारखाना प्रबंधक एवं अन्य सदस्य अधिकारियों ने ऑनलाइन माध्यम द्वारा बैठक में सहभागिता की। बैठक का संचालन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी श्री चन्द्र भूषण पाण्डेय द्वारा किया गया तथा उप मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।