टोक्यो – बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु की ऐतिहासिक सफलता मिलने के बाद पुरुष हॉकी टीम ने मैडल की आस दी थी वही हार के बावजूद सतीश कुमार ने प्रत्येक भारतीय का दिल जीत लिया है। भारत ने तोक्यो ओलिंपिक के 12वें दिन हार से शुरुआत की थी। भालाफेंक महिला एथलीट अन्नु रानी कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। भारतीय हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में बेल्जियम के खिलाफ शुरुआत अच्छी की लेकिन आखिर तक वह अपनी लय बरकरार नहीं रख पाई। मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम इंडिया को अंतिम 4 के मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। वहीं युवा रेसलर सोनम मलिक ने भी इस बार निराश कर दिया। सोनम पहले मुकाबले में ही हार गयी।
पुरुषों की शॉट पुट,
भारत के तजिंदरपाल सिंह तूर का पुरुषों के शॉट पुट क्वालिफिकेशन राउंड में खराब प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने पहले सर्वश्रेष्ठ थ्रो के रूप में 19.99 मीटर थ्रो किया। अपने अगले दो प्रयासों में दो फाउल थ्रो आने के बाद उम्मीदें लगभग समाप्त ही हो गईं थी। वो 16 सदस्यीय क्षेत्र में 13वें स्थान पर रहे। भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) तोक्यो ओलिंपिक में पहले ही पदक सुरक्षित कर चुकी हैं।
कांस्य पदक के मुकाबले पर पुलिस हॉकी टीम की नजर
भारतीय टीम बेल्जियम के खिलाफ ओलिंपिक सेमीफाइनल में हार से निराशाजनक है लेकिन पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा कि टीम के पास इस दिल तोड़ने वाली हार के बारे में सोचने का समय नहीं है क्योंकि उन्हें गुरुवार को होने वाले कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले पर ध्यान लगाना होगा।