मनीष तिवारी का दावा- लोकसभा की सीटें बढ़ाने का है प्रस्ताव

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नई दिल्‍ली। सेंट्रल विस्टा एवेन्यू पुनर्विकास परियोजना के तहत जारी निर्माणकार्य के बीच कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने रविवार को एक बड़ा दावा किया। तिवारी ने ट्वीट कर दावा किया है कि उन्‍हें संसदीय सहयोगियों की तरफ से जानकारी मिली है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लोकसभा सीटों की संख्या को बढ़ाकर एक हजार या उससे ज्‍यादा करने का प्रस्‍ताव है लेकिन इसे लागू करने से पहले जनता की राय ली जानी चाहिए।

मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा- मुझे संसदीय सहयोगियों की ओर से सूचित किया गया है कि साल 2024 से पहले लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ाकर 1000 या उससे ज्‍यादा करने का प्रस्ताव है। 1000 सीटों वाले नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है लेकिन ऐसा किए जाने से पहले गंभीर सार्वजनिक परामर्श होना चाहिए।

एक अन्‍य ट्वीट में कांग्रेस नेता ने कहा कि एक सांसद का काम देश के लिए कानून बनाना होता है। विकास की अनिवार्यताओं का ध्यान रखने के लिए हमारे पास 73वां 74वां संविधान संशोधन है जिसके शीर्ष पर विधानसभाएं हैं। यदि लोकसभा सीटों को बढ़ाकर एक हजार करने का प्रस्ताव है तो इसके निहितार्थ होंगे।

तिवारी के ट्वीट पर कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने लिखा कि इस मसले पर सार्वजनिक बहस की दरकार है। भारत जैसे बड़े देश को अधिक प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों की जरूरत है लेकिन अगर यह वृद्धि जनसंख्या के आधार पर होती है तो इससे दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व और कम हो जाएगा जो स्‍वीकार्य नहीं होगा।

कार्ति चिदंबरम के ट्वीट का जवाब देते हुए तिवारी ने लिखा- अभी तक प्रस्ताव को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं है। प्रस्ताव या विचार में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण शामिल है या नहीं। यह अच्छा कदम है लेकिन 1000 या इससे अधिक सीटों में महिलाओं के लिए 1/3 आरक्षण क्यों नहीं। इसके लिए हमारी अध्यक्ष सोनिया गांधी पिछले दो दशक से प्रयासरत हैं। महिलाएं 50 फीसद हैं लेकिन 1000 की संसद के अपने निहितार्थ हैं।

बता दें कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में नया संसद भवन, एक संयुक्त केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के नए आवास शामिल हैं। इसमें राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनरुद्धार भी शामिल है। बीते दिनों सरकार ने लोकसभा में बताया था कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू पुनर्विकास परियोजना के कारण केवल 22 धरोहर वृक्षों को हटाना पड़ा है।

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