वैवाहिक बलात्कार जिसके कारण लकवा हुआ ‘दुर्भाग्यपूर्ण’, अवैध नहीं कह सकते : अदालत

आईपीसी के तहत बलात्कार के अपराध के अपवाद में कहा गया है कि अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध या यौन कृत्य, पत्नी की उम्र पंद्रह वर्ष से कम नहीं है, बलात्कार नहीं है। - अदालत

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एक सेशन अदालत ने दहेज उत्पीड़न के एक मामले में एक व्यक्ति और उसके परिवार के चार सदस्यों को गिरफ्तारी से पहले ही जमानत दे दिया, जिसमें पत्नी ने जबरन यौन संबंध बनाने का भी आरोप लगाया था, जिसके कारण कमर तक महिला लकवा रोग से पीड़ित हों गई इस पर कोर्ट ने कहा कि लकवा पीड़ित युवती दुर्भाग्यपूर्ण है, उसका पति होने के नाते यह नहीं कहा जा सकता कि उसने कोई अवैध काम किया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजाश्री जे घरत ने अपने आदेश में कहा, “शिकायतकर्ता की आगे की शिकायत है कि आरोपी नंबर 1 (पति) ने उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके साथ यौन संबंध बनाया।” अदालत ने कहा, “हालांकि, आवेदक नंबर 1 पति होने के नाते यह नहीं कहा जा सकता है कि उसने कोई अवैध काम किया है।”

आईपीसी के तहत बलात्कार के अपराध के अपवाद में कहा गया है कि अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध या यौन कृत्य, पत्नी की उम्र पंद्रह वर्ष से कम नहीं है, बलात्कार नहीं है।
इस प्रकार, वैवाहिक बलात्कार अभी भी भारत में अपराध नहीं है।

अदालत ने इसे “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” कहा कि युवा लड़की लकवा से पीड़ित थी इसने कहा कि हालांकि, इसके लिए दूसरे पक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

पिछले साल नवंबर में शादी करने वाली महिला ने शिकायत की थी कि शादी के एक महीने बाद ही उसका पति जबरन शारीरिक संबंध बनाने लगा। जनवरी में संभोग के बाद उसकी तबीयत खराब होने लगी थी। जब वह एक डॉक्टर के पास गई, तो उसे बताया गया कि उसकी कमर के नीचे पक्षाघात हो गया है। तभी उसने शिकायत दर्ज कराई थी।

महिला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ अपनी शिकायत में अन्य आरोप भी लगाए थे, कि उन्होंने उस पर प्रतिबंध लगा दिया, ताना मारा, गाली दी और दहेज की मांग की।

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