NASA IPCC Report: 2100 तक पानी में डूब जाएंगे 12 भारतीय शहर!

#नासा ने जारी की बड़ी चेतावनी #डूब जाएंगे दुनिया के कई शहर #ग्लोबल वार्मिंग होगी बड़ी वजह

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रहते समुद्री तटों पर आने वाली मुसीबतों से लोगों के जान-माल की हिफाजत की जा सके. इस ऑनलाइन टूल के नई दिल्ली: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक सी लेवल प्रोजेक्शन टूल बनाया है. जिससे समय जरिए कोई भी भविष्य में आने वाली मुसीबत यानी बढ़ते समुद्री जल स्तर का हाल जान सकेगा. ये टूल दुनिया के उन सभी देशों के समुद्री जलस्तर को माप सकता है, जिनके पास तट हैं.

नासा ने इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कई शहरों के समुद्र में डूब जाने की चेतावनी दोहराई है. IPCC की ये छठी एसेसमेंट रिपोर्ट 9 अगस्त को जारी की गई, जो जलवायु प्रणाली और जलवायु परिवर्तन की स्थितियों को बेहतर तरीके से बताता है.

समुद्री इलाकों में मचेगी तबाही

बताया जा रहा हैं की साल 2100 तक दुनिया का तापमान काफी बढ़ जाएगा. भविष्य में लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ेगा. कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण नहीं रोका गया तो तापमान में औसत 4.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी. अगले दो दशक में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. जब इस तेजी से पारा चढ़ेगा तो ग्लेशियर भी पिघलेंगे. जिसका पानी मैदानी और समुद्री इलाकों में तबाही लेकर आएगा.

डूब जाएंगे भारत के 12 शहर!

रिपोर्ट के मुताबिक करीब 80 साल बाद यानी साल 2100 तक भारत के 12 तटीय शहर समुद्री जलस्तर बढ़ने से करीब 3 फीट पानी में चले जाएंगे. यानी ओखा, मोरमुगाओ, कांडला, भावनगर, मुंबई, मैंगलोर, चेन्नई, तूतीकोरन और कोच्चि, पारादीप का तटीय इलाका छोटा हो जाएगा. ऐसे में भविष्य में तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना होगा. पश्चिम बंगाल का किडरोपोर इलाका जहां पिछले साल तक समुद्री जलस्तर के बढ़ने का कोई खतरा महसूस नहीं हो रहा है. वहां पर भी साल 2100 तक आधा फीट पानी बढ़ जाएगा.

घट जाएगा कई देशों का क्षेत्रफल

नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि सी लेवल प्रोजेक्शन टूल दुनियाभर के नेताओं, वैज्ञानिकों को यह बताने के लिए काफी है कि अगली सदी तक हमारे कई देश जमीनी क्षेत्रफल में कम हो जाएंगे. क्योंकि समुद्री जलस्तर इतनी तेज बढ़ेगा कि उसे संभालना मुश्किल होगा।

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