उत्तर रेलवे 60 मिलियन टन+ प्रारम्भिक लदान क्लब में शामिल हुआ
*लगभग 18% की अप्रत्याशित वृद्धि *मालभाडा आय बढ़कर 7891 करोड रुपये हुई
नई दिल्ली:- व्यापार और उद्योग जगत के साथ सतत् सम्पर्क और सार्थक संवादों के परिणामस्वरूप, उत्तर रेलवे इस वित्तीय वर्ष में अपनी पिछली उपलब्धियों से बहुत आगे बढ गया है । इस वर्ष उत्तर रेलवे 60 मिलियन टन+ प्रारम्भिक लदान क्लब में शामिल हो गया है जबकि इस वर्ष के तकरीबन 38 दिन अभी शेष हैं । यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है । उत्तर रेलवे अभी और ऊँचे लक्ष्यों की ओर बढ रहा है । उत्तर रेलवे वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2020-2021 तक प्रारम्भिक लदान में साल दर साल लगभग 18% की वृद्धि हासिल करने की उम्मीद कर रहा है ।
उत्तर रेलवे ने वर्ष 2021-2022 में अपने मालभाड़ा को भी बेहतर बनाए रखा है जिससे इस वित्तीय वर्ष में भी भारतीय रेलवे के लदान में वृद्धि हुई है । अम्बाला-मुरादाबाद-आलमनगर-पण्डित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर मालभाड़ा में उल्लेखनीय वृद्धि देखने में मिली है जिससे पूर्व-मध्य रेलवे पर कोयला लदान के लिए खाली बॉक्स-एन वैगन मिलने में मदद मिली है ।
इस वित्तीय पक्ष में भी पिछले सभी रिकॉर्डों को पार किया गया है । मूल मालभाडा आय पिछले वर्ष माह जनवरी अंत तक 7045 करोड़ रुपये से बढ़कर 7891 करोड़ रुपये हो गयी । रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए 9500 करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य को उत्तर रेलवे पूरा करने की दिशा में अग्रसर है ।
उत्तर रेलवे पीस मील लदान की सेवा प्रदान कर छोटे उपयोगकर्ताओं को सुविधा प्रदान करने में सफल रही है और इस लदान को व्यापार माला और संचय माला रेलगाडियों के द्वारा शीघ्रता से लाना-ले जाना सुनिश्चित कर रही है । उत्तर रेलवे कागज, गुड, साबुन, फिटकरी, एफएमसीजी मदों जैसे नए माल का रेलगाडियों के माध्यम से कम कीमत पर रिकॉर्ड समय में परिवहन कर रही है ।