उत्तर रेलवे ने मेगा संरक्षा अभियान की शुरूआत की
* रेलपथों और चल स्टॉक के अनुरक्षण, अग्नि-संरक्षा और कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर विशेष बल
नई दिल्ली:- कोरोना लॉकडाउन के पश्चात जैसे-जैसे देश और अर्थव्यव्था खुल रही है, वैसे-वैसे रेलवे का यातायात भी सामान्य हो रहा है । रेलवे के लिए यात्रियों की संरक्षा सर्वोपरी है । संरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उत्तर रेलवे ने एक मेगा संरक्षा अभियान की शुरूआत की है । इस मेगा संरक्षा अभियान की प्रगति की समीक्षा महाप्रबंधक की देखरेख में सभी प्रमुख विभागाध्यक्षों के साथ की जा रही है तथा किसी भी प्रकार की पाई गयी खामी को तुरंत सुधारने का कार्य भी किया जा रहा है ।
ट्रैक प्रणाली (अचल परिसम्पत्तियों) और इंजनों, डिब्बों और वैगनों (चल स्टॉक) के अनुरक्षण में किसी भी तरह की कमी अथवा अनियमितता को दूर करना इस मेगा अभियान का प्रमुख उद्देश्य है । इसमें, इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि परिसम्पत्तियों के अनुरक्षण और रेलगाडि़यों के परिचालन की निर्धारित प्रक्रियाओं का मंडलों द्वारा सभी बिंदुओं पर सख्ती से पालन किया जाये । मानवीय त्रुटियों जैसे कारकों को दूर करने के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण को कड़ाई से लागू किया जा रहा है ।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री आशुतोष गंगल ने सभी मंडलों में अनेक महत्वपूर्ण रेल सेक्शनों का निरीक्षण किया है । किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी स्तरों पर जागरूकता और संवेदनशीलता बनाए रखने के निर्देशों के साथ इस अभियान की प्रगति की निगरानी स्वयं महाप्रबंधक द्वारा की जा रही है । प्रतिदिन सुझाव लिए जा रहे हैं ।
खामियों/दोषों का समय पर पता लगाना सुनिश्चित करने के लिए विशेषकर व्यस्त रेल मार्गों पर गहन अभियान चलाया जा रहा है । साथ ही रात्रिकालीन गश्त भी की जा रही है । सिगनल गियरों के निरीक्षण और अनुरक्षण पर बल दिया जा रहा है। रेलवे पुलों की ढॉंचागत हालत को जांचने के लिए निरीक्षण किए गए हैं । सही और सुरक्षित समायोजन के लिए प्वाइंटों और क्रॉसिंगों की पूरी तरह से जॉंच की जा रही है। चल-स्टॉक यूनिटों, कोचिंग और मालभाड़ा डिपों और माल गोदमों का निरीक्षण किया जा रहा है । सभी चल स्टॉक परिसम्पत्तियों के अनुरक्षण की निगरानी की जा रही है । अग्नि-संरक्षा ऑडिट और ड्रिल भी किए जा रहे हैं ।
भारतीय रेल का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क उत्तर रेलवे, नई परियोजनाओं के साथ अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है ।
संरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए, उत्तर रेलवे ने अनेक समपारों को हटा दिया है । कर्मचारी युक्त समपारों पर इंटरलॉकिंग प्रणाली लगाई जा रही है । इलैक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग द्वारा स्टेशनों की यांत्रिक इंटरलॉकिंग को बदला जा रहा है ।
उत्तर रेलवे अपने कर्मचारियों में संरक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए नियमित रूप से महत्वपूर्ण विषयों पर संरक्षा संगोष्ठियों का आयोजन करता है । जागरूकता लाने के लिए रोड-रेल संरक्षा पर नुक्कड नाटकों का आयोजन भी किया जा रहा है । रेलवे फाटकों को पार करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में सडक उपयोगकर्ताओं को उनके मोबाइलों पर संरक्षा संदेश भेजने की अनोखी पद्धति को अपनाया गया है। जागरूकता लाने के लिए 6.2 करोड़ से अधिक ऐसे संदेश भेजे गए हैं ।
किसी भी सम्भावित दुर्घटना को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित, अधिक सतर्क और उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक माह के अंत में महाप्रबंधक द्वारा उन्हें उनके अनुकरणीय कार्यो हेतु व्यक्तिगत नकद पुरस्कार के साथ प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया जाता है । इससे अन्य कर्मचारी प्रेरणा लेकर और अधिक सतर्कतापूर्वक अपनी ड्यूटी निभाने के प्रति प्रेरित होते हैं । असामान्य घटनाओं और दुर्घटनाओं की स्वयं महाप्रबंधक के स्तर पर निगरानी की जाती है । इन घटनाओं की उचित जांच करके निवारक कदम उठाए जाते हैं । इससे कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच सक्रिय सहभागिता से संरक्षा को और बेहतर करने में मदद मिलती है ।