असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के बाद देश में सबसे बड़ा सवाल यही है कि अन्य दूसरे कौन-कौन से राज्य हैं जहां इस तरह के सीमा विवाद है। इसी को लेकर सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी है। केंद्र सरकार के अनुसार हरियाणा-हिमाचल प्रदेश, लद्दाख-हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र-कर्नाटक तथा असम-अरुणाचल प्रदेश, असम-नागालैंड, असम-मेघालय और असम-मिजोरम के बीच सीमाओं के निर्धारण को लेकर सीमा विवाद पैदा हुए हैं इन राज्यों के बीच क्षेत्र संबंधी दावे एवं प्रति दावे किए गए हैं। इन राज्यों के बीच समय-समय पर सीमा को लेकर विवाद की खबरें आती रहती हैं। हालांकि जिस तरह से असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर हिंसा देखने को मिले ऐसी स्थिति देश में अब तक नहीं हुई है।
लोकसभा में हाजी फजलुर रहमान के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि कुछ विवादित सीमावर्ती क्षेत्रों में यदा-कदा विरोध और वहां हिंसा की घटनाओं की रिपोर्ट मिली हैं। राय ने कहा कि केंद्र सरकार का लगातार यह दृष्टिकोण रहा है कि अंतर राज्य विवाद केवल संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से सुलझ सकें और विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान परस्पर समझ की भावना से करने के लिये केंद्र सरकार केवल सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करे। उन्होंने बताया कि हरियाणा-हिमाचल प्रदेश, लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र-हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र-कर्नाटक तथा असम-अरूणाचल प्रदेश, असम-नगालैंड, असम-मेघालय और असम-मिजोरम के बीच सीमाओं के निर्धारण के फलस्वरूप सीमा विवाद पैदा हुए तथा उनके बीच क्षेत्र संबंधी दावे एवं प्रति दावे किये गए हैं।
गौरतलब है कि असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद सोमवार को अचानक हिंसक संघर्ष में तब्दील हो गया जिसमें कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए। दोनों पक्षों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्रमशः असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों, हिमंत बिस्वा सरमा और जोरमथांगा से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया। अमित शाह ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में सीमा विवादों को सुलझाने की आवश्यकता को रेखांकित किया था जिसके दो दिन बाद यह घटना सामने आई है।