कोविड में अनाथ हुए विद्यार्थियों की स्नातक की पढ़ाई होगी निशुल्क, गाइडलाइन हुई जारी

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भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 1450 निजी और सरकारी कालेजों के आगामी सत्र 2021-22 में प्रवेश को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। इस बार कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। उन्हें यूजी में प्रवेश से लेकर डिग्री पूरी करने के दौरान किसी भी प्रकार के शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा।
इसमें आवश्यक यह है कि प्रदेश के 21 वर्ष या उससे कम उम्र के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मौत एक मार्च से 30 जून तक कोरोना संक्रमण के कारण हुई हो, उन्हें ही निशुल्क प्रवेश मिलेगा। वहीं निजी विश्वविद्यालय और कालेजों में प्रवेश लेने पर वहां की फीस या 15 हजार रुपये, जो भी कम हो, उसका भुगतान बाल हितग्राही के आधार लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा। बता दें कि कोविड-19 के कारण इस बार कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया आनलाइन हो रही है। स्नातक (यूजी) व स्नातकोत्तर (पीजी)]में प्रवेश लेने के लिए एक अगस्त से पंजीयन शुरू होंगे।
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के पात्र विद्यार्थियों को कालेज में प्रवेश शुल्क से लेकर वाषिर्षक शुल्क, मेस खर्च या काशनमनी तक में राहत दी जाएगी। अध्ययनरत होने की स्थिति में विद्यार्थी की आयु 24 वषर्ष तक पात्र मानी जाएगी। वर्तमान में कोई विद्यार्थी अध्ययनरत है तो उसे भी योजना का लाभ दिया जाएगा। विभाग ने इस साल कालेजों में यूजी व पीजी दोनों में प्रवेश लेने के लिए उम्र का बंधन समाप्त कर दिया है। अब विद्यार्थी किसी भी उम्र में दाखिला ले सकेंगे। अभी तक यूजी में उम्र का बंधन था और पीजी में नहीं।

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