लखनऊ : – गांधीनगर, गुजरात स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय अपने जागरूकता अभियान के तृतीये श्रृंखला में लखनऊ शहर में आज एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया। जिसमे इस प्रान्त के ज्यादातर मीडिया कर्मियों ने शिरकत किया।
इस कॉन्क्लेव का आयोजन करने के पीछे विश्वविद्यालय का मकसद, उत्तरप्रदेश के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाना था ताकि लोग विश्वविद्यालय के द्वारा चलाये जाने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों, प्रक्षिणों, विद्यार्थिओं को दी जानेवाली विभिन्न सुविधाओं, और उनके रोजगार के अवसरों आदि के बारे में जान सकें।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति उपकुलपति- डॉक्टर आनंद कुमार त्रिपाठी, राष्ट्रीय रक्षा विश्विद्यालय लखनऊ कैंपस के निदेशक- श्री नीरज कुमार, विश्वविद्यालय के आउटरीच ऑफिसर- श्री कुमार सव्यसाची, प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक-श्री विजय कुमार, निदेशक- श्री मनोज वर्मा और दूसरे अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी ने बताया की यह विश्वविद्यालय दूसरे अन्य विश्विद्यालय की तुलना में काफी अलग है। इस विद्यालय में नामांकन लेने वाले विद्यार्थिओं को कैसे परम्परागत तरीके से हटकर एक नए तरीके से शिक्षा प्रदान की जाती है। डॉ. त्रिपाठी ने बताया की विश्वविद्यालय कैसे विद्यार्थिओं को अत्याधुनिक तरीके से देश के आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में शिक्षा प्रदान कराती है।
लखनऊ स्थित विश्वविद्यालय के निदेशक, श्री नीरज कुमार ने कहा की उत्तरप्रदेश राज्य में आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में प्राक्षिण, अनुसंधान, शिक्षा के विस्तार और गति प्रदान करने की दृष्टि और मिशन के लिए डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास के विधि संकाय परिषर में इस विश्वविद्यालय की स्थापन की गई है। भारत देश की सुरक्षा बालों में शामिल होने और मातृभूमि की सेवा करने के इच्छुक युवा उम्मीदवारों के कौशल को बढ़ाकर “कर्मयोगी” बनानेके उद्देश्य से लखनऊ परिषर की स्थापना की गई है। यह ज्ञात है कि देश की कसी भी सुरक्षा बल में शामिल होने या सेवा करने के लिए विभिन्न कौशल की आवश्यकता होती है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आरआरयू का लखनऊ स्थित यह परिषर, पुलिस प्रशासन, शारीरिक शिक्षा, साइबर सुरक्षा, औद्यौगिक सुरक्षा आदि के क्षेत्र से संबंधित पाठ्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करता है। यहाँ उन सभी पाठ्यक्रम की पढ़ाई होती है जिससे की यहां के विद्यार्थी उपरोक्त सभी क्षेत्रों में उच्च शिक्षा में आगे जा सकते हैं या अपना करियर बना सकते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान श्री नीरज ने बताया की इस विश्वविद्यालय की स्थापन वर्ष 2010 में गुजरात सरकार के अधीन किया गया था और यह उस वक़्त पुलिस यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता था क्यूँकि यहाँ नामांकन लेनेवाले विद्यार्थिओं को राज्य पुलिस के विभिन्न पदों के प्रवेश प्रक्रिया में वरियात दी जाती थी, जोकि अभी भी जारी है। बदलते समय के अनुसार केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तत्वाधान में काम करने वाला एक राष्ट्र महत्व का संस्थान घोषित कर दिया। इसके बाद अब यह संस्थान देश के आतंरिक सुरक्षा में शिक्षा प्रदान करने वाला एक मात्र विश्विद्यालय बन गया। आज यहाँ से विभिन्न संकायों में ज्ञान अर्जित करने वाले विद्यार्थिओं को देश के विभिन्न सुरक्षा संस्थानों में रोजगार के अवसर प्राप्त हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान श्री नीरज ने बताया की कैसे यहाँ चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों जैसे- सुरक्षा प्रबंधन में कला स्नातक, पुलिस प्रशासन और सामरिक प्रबंधन में परास्नातक, औद्योशिक सुरक्षा और बचाओ में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक में स्नातकोत्तर डिप्लोमा आदि में विभिन्न युवा विद्यार्थी कैसे और कब नामांकन ले सकते हैं। उन्हों ने बताया की नामांकन लेने की प्रक्रिया अभी चल रही है और जो विद्यार्थी उपरोक्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेना चाहते हैं वो राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के वेबसाइट www.rru.ac.in पर जाकर अपना नामांकन ले सकते हैं।