रेलमंत्री ने कटरा में जम्मूतवी-श्रीनगर रेल लिंक परियोजना के कार्य की प्रगति की समीक्षा की 

रेलमंत्री ने श्री माता वैष्णों देवी कटरा स्टेशन पर बुनियादी ढाँचे और यात्री सुविधाओं के विस्तार की आधारशिला रखी

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माननीय रेलमंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज श्री माता वैष्णों देवी कटरा स्टेशन का दौरा किया । उन्होंने श्री माता वैष्णों देवी कटड़ा स्टेशन पर बुनियादी ढाँचे और यात्री सुविधाओं के विस्तार की आधारशिला रखी । उन्होंने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना पर चल रहे कार्यों की समीक्षा की । वे श्री माता वैष्णों देवी कटड़ा से प्रतिष्ठित सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस में जम्मू के लिए रवाना हुए । इस यात्रा के दौरान उन्होंने सफर कर रहे यात्रियों से भी बातचीत की । इस अवसर पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक, श्री आशुतोष गंगल, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, श्री एस0 के0 झा, फ़िरोजपुर मंडल की मंडल रेल प्रबंधक, डॉ0 सीमा शर्मा तथा उत्तर रेलवे और उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के अनेक वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे ।

रेलमंत्री के रूप में अपने पहले दौरा

रेलमंत्री के रूप में अपने पहले दौरे पर श्री अश्विनी वैष्णव ने आज कटरा पहुँचे । रेलमंत्री ने कटरा-बनिहाल रेल सेक्शन, जोकि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है, पर ढाँचागत विकास की आधारशिला रखी । उन्होंने इस विश्व-स्तरीय स्टेशन में मौजूद विभिन्न सुविधाओं का निरीक्षण किया। देश के अलग-अलग भागों से यहां आए हुए श्रद्धालुओं से उन्होंने बातचीत की । उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के इंजीनियरों द्वारा जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने वाली उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के अंतिम चरण के कार्य की प्रगति के बारे में बताया । जम्मू से श्रीनगर घाटी को हर मौसम में जोड़ने वाली यह रेल परियोजना 27,949 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जा रही है ।

हिमालय क्षेत्र में रेल लाइन

भूकम्प की दृष्टि से सक्रियता वाले इस हिमालयी क्षेत्र में रेल लाइन का निर्माण करना एक चुनौती रही है । बनिहाल से बारामुला के तीन सेक्शन पहले ही तैयार हो चुके हैं और सेवा प्रदान कर रहे हैं । कटरा-बनिहाल के बीच 111 किलोमीटर लम्बे चौथे और अंतिम चरण का कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हैं क्योंकि इस लाइन पर 97 किलोमीटर मार्ग सुरंगों वाला है । इस रेल सेक्शन पर 7 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं । समतल भूमि की उपलब्धता न होने के कारण  कुछ रेलवे स्टेशन सुरंगों अथवा पुलों पर स्थित हैं । यह रेलमार्ग पूरी तरह से विद्युतीकृत होगा जिससे इस पर परिचालन की लागत कम होगी और यह पर्यावरण अनुकूल होगा ।
इस रेल सेक्शन पर चेनाब पुल और अंजी पुल जैसे प्रतिष्ठित पुल मौजूद हैं। चेनाब नदी की घाटियों पर बने ये पुल निर्माण की दृष्टि से बेहद खुबसूरत हैं । चेनाब पुल एक मेहराबदार ढाँचे वाला पुल है जोकि नदी की तलहटी से 359 मीटर की ऊँचाई पर बना है । बनकर तैयार हो जाने पर यह दुनिया का सबसे ऊँचा पुला होगा । इस पुल के मेहराब को  तैयार कर लिया गया है और इसके डैक को बनाने की प्रक्रिया हाल ही में शुरू की गयी है । दूसरी ओर अंजी पुल भारत का पहला केबल स्टेड रेल पुल है । इस पुल में 195 मीटर का एक खम्बा होगा जिसमें 37 से 42 केबल तारें होंगी । खम्बे के निर्माण कार्य को तेज़ी से पूरा किया जा रहा है ।

लम्बाई 97 किलोमीटर है

इस लाइन पर 27 मुख्य सुरंगें हैं जिनकी कुल लम्बाई 97 किलोमीटर है। इनमें से 4 सुरंगों की लम्बाई 9 किलोमीटर से ज्यादा है और अन्य 4 सुरंगें 5 किलोमीटर से ज्यादा लम्बी हैं । अंतर्राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल के अंतर्गत इन सुरंगों के साथ-साथ एस्केप सुरंगों का निर्माण भी किया जा रहा है । इस परियोजना में बनाई जाने वाली सुरंगें नवीनतम न्यू आस्ट्रियन सुरंग पद्धति से बनाई जा रही हैं । इन सुरंग परियोजनाओं के परामर्श और डिजाइन के लिए प्रतिष्ठित अंतर्राष्टीय परामर्शदाताओं का सहयोग लिया गया है । तैयार हो जाने पर, ये सुरंगें  अत्याधुनिक वेंटिलेशन सुविधा और जन उदघोषणा प्रणाली से युक्त होंगी।

परियोजना की प्रगति पर संतोष

परियोजना की प्रगति पर संतोष प्रकट करते हुए रेलमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के पूरा हो जाने से जम्मू एवं कश्मीर के लोगों की चिर-प्रतीक्षित आकांक्षा पूरी होगी । जिससे इस क्षेत्र को हर मौसम में सुलभ रहने वाली एक परिवहन प्रणाली उपलब्ध होगी । उन्होंने इंजीनियरों से आह्वान किया कि वे परियोजना के शेष हिस्से को मिशन मोड में तीव्रता से पूरा करें ।
बाद में,  रेलमंत्री कटरा से सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी से जम्मू के लिए रवाना हुए । उन्होंने मार्ग में सह-यात्रियों से बातचीत की और रेल सेवाओं पर उनके विचार और प्रतिक्रियाएं जानी । रेलमंत्री को अपने साथ यात्रा करते देख यात्री बहुत आश्चर्यचकित थे ।
कुछ यात्रियों ने रेल प्रणाली में सुधार के भी सुझाव दिए । अनेक लोगों ने हाल की वर्षों में रेल सेवाओं की बेहतर गुणवत्ता, स्वच्छता और यात्री सुविधाओं के लिए धन्यवाद दिया । रेलमंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस के चालक केबिन में जाकर भी जायज़ा लिया । जम्मू में रेलगाड़ी से उतरने के बाद रेलमंत्री ने जम्मूतवी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और  वहां मौजूद यात्री सुविधाओं का जायज़ा लिया । उन्होंने स्टेशन पर प्रदर्शित स्टेशन पुनर्विकास योजना को देखा । उन्हें बताया गया कि जम्मूतवी रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना को 226 करोड़ रुपये की लागत से शुरू कर दिया गया है । इसके अंतर्गत ढाँचागत विकास, यात्रियों के सुगम आवागमन के लिए सब-वे और स्टेशन पर दूसरा प्रवेश द्वार का कार्य  शामिल है ।
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