विशेष संचारी रोग नियन्त्रण माह 1 जुलाई से 15 जुलाई तक चलेगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान
* 16 से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा दस्तक अभियान *अभियान की तैयारियों को लेकर ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक
लखनऊ, विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह के तहत जनपद में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी | इसके तहत एक से 15 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 15-31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा | इन्हीं की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी श्री सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत की गई| उक्त के साथ ही जिलाधिकारी द्वारा कोविड की समीक्षा करते हुए टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाने पर भी जोर दिया |
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा की जुलाई माह से शुरू होने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान को लेकर लापरवाही न बरतें | सभी विभाग समन्वित रूप से विस्तृत कार्ययोजना बनाकर गतिविधियां आयोजित करें | अभियान से पूर्व स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण पूरा कर लें | साथ ही लॉजिस्टिक आदि की आपूर्ति सुनिश्चित करें | इसके अलावा पिछले साल जो क्षेत्र मच्छर जनित रोगों के मामले में संवेदनशील क्षेत्र थे उनका प्राथमिकता के आधार मलेरिया विभाग के सहयोग से पुनः आकलन किया जाए कि वहाँ वर्तमान में क्या स्थिति है |
उन्होंने कहा कि जनपद के जिन क्षेत्रों में मच्छर का सामान्य से अधिक प्रजनन पाया जाये, ऐसे क्षेत्रों की सूची अंतर्विभागीय सहयोग से मच्छर नियंत्रण गतिविधियां संपादित करने के लिए नगर विकास, ग्रामीण विकास, पंचायती राज आदि संबंधित विभागों को उपलब्ध कराई जाये | साथ ही जिलाधिकारी ने सहयोगी विभाग के अधिकारियों से कहा कि वह स्वयं अपनी देख रेख में माइक्रोप्लान के अनुसार नोडल( स्वास्थ्य) विभाग के समन्वय से अपने विभाग के कार्यों को संपादित कराएंगे |
जिलाधिकारी ने 29 जून को आयोजित होने वाली द्वितीय जिला टास्क फोर्स की बैठक में माइक्रोप्लान आधारित गतिविधियों के सम्पादन को लेकर चर्चा करने की इच्छा जाहिर की | ज़िलाधिकारी ने कहा कि अभियान के तहत स्वास्थ्य-कार्यकर्ता लोगों को मच्छरजनित परिस्थितियाँ उत्पन्न न होने देने के बारे में जागरूक करें | हमें संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, दिमागी बुखार जैसी बीमारियों के प्रसार को रोकना है | इसके लिए आवश्यक है कि सही समय पर बुखार की जांच और उसका इलाज हो और इसके लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य-कार्यकर्ता घर-घर पहुँचें |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग है | इसके अलावा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, शिक्षा, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, दिव्य जन कल्याण, पशु पालन, कृषि, नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा एवं सूचना विभाग भी सहयोग करेंगे | सभी विभागों के परस्पर सक्रिय सहयोग से ही अभियान की सफलता निश्चित है |
बैठक में ज़िलाधिकारी ने कहा कि 16 जुलाई से शुरू होने वाले दस्तक अभियान के तहत आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार के रोगियों, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस के रोगियों, क्षय रोग के लक्षणयुक्त व्यक्तियों एवं कुपोषित बच्चों की सूची बनाएंगी | इसके साथ ही क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची भी बनायेंगी जहां घरों के भीतर मच्छरों का प्रजनन पाया गया है | इसके साथ ही संचारी रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा स्कूलों, ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी), मातृ समिति की बैठक में लोगोंको जागरूक किया जाएगा | आशा कार्यकर्ता लोगों को इस बारे में जागरूक करें एवं यह जरूर सुनिश्चित करें कि बुखार होने पर स्वयं से इलाज न करें बल्कि नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर बुखार की जांच कराएं | बैठक में नोडल अधिकारी ने ज़िलाधिकारी को बताया कि सभी विभागों का माइक्रोप्लान उन्हें मिल चुका है |
बैठक में ज़िलाधिकारी ने बताया कि संचारी रोग से बचाव के लिए आमजनमानस को क्या करे – क्या न करे (Does & DONT) से अवगत करा कर जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि तहसीलों, ब्लाक, ज़िलाधिकारी कार्यालय सहित समस्त शासकीय कार्यालयों जहा प्रतिदिन लोगो का आवागमन रहता है, वहां पर पोस्टरों, बैनरो व हैंडबिल के माध्यम से लोगो को संचारी रोगों और कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के सम्बंध में जागरूक किया जाए।
संचारी रोगों से बचाव के लिए क्या करें-
1) पूरी बांह के कपड़े पहने |
2) मच्छररोधी क्रीम लगाएं, क्वायल या रेपलेंट का उपयोग करें।
3) घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली का प्रयोग करें |
क्या न करें –
1) घर और उसके आस-पास पानी न इकट्ठा न होने दें |
2) डेंगू का मच्छर साफ ठहरे पानी में पनपता है | जैसे कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के पीने के पानी के बर्तन,फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन टायर, डिस्पोजेबल बर्तन, गिलास आदि | इसलिए इन जगहों पर पानी नियमित रूप से बदलते रहें |
3) यदि पानी इकट्ठा है तो वहाँ पर जला हुया मोबिल ऑयल या मिट्टी का ते डाल दें |
4) पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों को ढक कर रखें, प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सूखा करके ही उपयोग में लाएं |
उक्त बैठक में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एम.के.सिंह, जिला सर्विलांस अधिकारी डा. मिलिंद वर्धन, जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक सुधीर वर्मा सभी सहयोगी विभागों के प्रतिनिधि तथा सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।