दिव्यांगजन के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही पाये जाने पर होगी कठोर कार्यवाही – नरेन्द्र कश्यप
लखनऊ:- उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने आज यहां नवीन भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि संचालित योजनाओं के लक्ष्य को धरातल पर उतारकर ही लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। विभागीय लक्ष्य पुरानी पद्धति पर चलकर नहीं बल्कि स्थलीय भ्रमण, आपसी समन्वय एवं तकनीकी से जुड़कर हासिल कराना होगा।
कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संवेदनशील विभाग है। हमें अतिरिक्त सर्तकता बरत कर ही महत्वपूर्ण विभागीय योजनाएं यथा दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान, कुष्ठावस्था पेंशन अनुदान, कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण, मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल, शल्य चिकित्सा, निर्माणाधीन कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र (डीडीआरसी), यूडीआईडी कार्ड एवं बचपन-डे केयर में शत प्रतिशत सफलता प्राप्त करनी होगी। प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को सशक्त करने हेतु विशेष प्रयास कर रही है। सरकार की मंशा के अनुरूप सकारात्मक प्रयास उनके लिए सफलता के द्वार खोल देगा।
कश्यप ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित संकेत, स्पर्श, ममता एवं प्रयास विद्यालयों के माध्यम से विद्यार्थियों को गणित, विज्ञान, अंग्रेजी एवं कम्प्यूटर आदि विषयों की आधुनिक शिक्षा पर विशेष बल देना जरूरी है, क्योकि आधुनिक विषयों के माध्यम से ही उनका सशक्तीकरण सम्भव होगा। उन्होंने कहा कि हमें सीमाओं, सोच एवं पेपर वर्क से आगे आना होगा तभी सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा। श्री कश्यप ने अधिकारियों को कड़े शब्दों में कहा कि दिव्यांगजनों को दी जाने वाली पेंशन की धनराशि समयान्तर्गत उनके खातों में हस्तांतरित करें अथवा उनके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही के लिए बाध्य होना पड़ेगा। समयबद्ध ढंग से कार्य करने से ही संचालित योजनाओं में वांछित प्रगति होगी।
कश्यप ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्यालय पर कार्यरत अधिकारी, मण्डलीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करें ताकि प्रदेश में संचालित विभागीय योजनाओं में शत प्रतिशत सफलता प्राप्त हो सके। किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की शिथिलता पाये जाने पर क्षमा नहीं किया जायेगा। उनके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने में देर नहीं लगेगी।
कश्यप ने कहा कि वर्तमान में सुगम्य भारत अभियान योजना के अन्तर्गत चिन्हित शासकीय एवं जनोपयोगी भवन दिव्यांगजन के लिए बनाये जा रहे हैं। आने वाले समय में प्रदेश के समस्त जनपदों में पब्लिक एवं प्राइवेट भवनों को भी दिव्यांगजन हेतु सुगम्य बनाये जाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही दिव्यांगजनों को धार्मिक स्थलों की यात्रा कराये जाने की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने दिव्यांगजनों हेतु संचालित डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलसचिव को निर्देश दिये कि आगामी महीनों में विश्वविद्यालय में निर्मित विशिष्ट स्टेडियम में राज्य अथवा राष्ट्रीय स्तर पर पैरालम्पिक खेलों का आयोजन कराना सुनिश्चित करें। दिव्यांगजनों की समस्याओं को और अधिक समझने के लिए राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड के साथ आगामी अगस्त माह में बैठक किये जाने का भी प्रस्ताव है।
कश्यप ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की निदेशक को निर्देश दिये कि निर्माणाधीन छात्रावास शीघ्र संचालित कराया जाय। उन्होंने गोरखपुर में निर्माणाधीन छात्रावास समय से पूरा नहीं करने पर कार्यदायी संस्था के विरुद्ध कार्यवाही के भी निर्देश दिये। श्री कश्यप ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना, दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति योजना, शादी अनुदान योजना, कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना तथा छात्रावास निर्माण योजनाओं को भी समय से पूरा करने के निर्देश दिये।
बैठक में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव, निदेशक, सत्य प्रकाश पटेल, निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, श्रीमती वन्दना वर्मा एवं अन्य विभागीय अधिकारी शामिल थे।