नई दिल्ली. रिटायर जजों की याचिका पर प्रदेश शासन के सचिव वित्त एमए रिजवी और विशेष सचिव वित्त सरयू प्रसाद मिश्र को अवमानना के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया था. वहीं मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त के खिलाफ वारंट जारी किया गया था. इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मुख्य सचिव के खिलाफ जारी जमानती वारंट पर रोक लगा दी है. इसके अलावा एसीएस वित्त के खिलाफ वारंट पर भी लगी रोक लगा दिया। बता दें कि हाईकोर्ट ने वारंट जारी कर गुरुवार को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर के बाद अधिकारियों ने चैन की सांस ली.
बता दें की सचिव वित्त एमए रिजवी और विशेष सचिव वित्त सरयू प्रसाद मिश्र को अवमानना के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में रखा था. इन्हें देर रात जमानत पर रिहा कर दिया गया था. वहीं मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त को आज कोर्ट ,में तलब किया गया था.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को मिल रही सुविधाओं पर पुनर्विचार कर आंध्र प्रदेश के जजों की तर्ज पर सुविधाएं देने की बात कही थी. इस विषय में रिटायर्ड जजों ने याचिका भी दायर की थी. मगर इस याचिका को लेकर प्रदेश शासन के सचिव वित्त एमए रिजवी और विशेष सचिव वित्त सरयू प्रसाद मिश्र पर लापरवाही के आरोप लगे. इसी आरोप को देखते हुए उन्हें अभिरक्षा में ले लिया गया. इसके साथ ही मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त डॉक्टर प्रशांत त्रिवेदी के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. रिटायर्ड जजों का आरोप है कि ये अधिकारी कई आदेशों के बावजूद बहाने बनाकर इस मामले की सुनवाई लगातार टालते जा रहे थे. इतना ही नहीं कोर्ट में मांगी जा रही जानकारी देने में लापरवाही बरत रहे थे.