लखनऊ स्‍टेशन पर ट्रेन के कोच का पता लगाने में छूटते हैं पसीने

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लखनऊ। इंदिरानगर की स्नेहा वर्मा परिवार सहित ट्रेन 02231 लखनऊ चंडीगढ़ एक्सप्रेस स्पेशल से चंडीगढ़ जा रहीं थी। वह चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंची लेकिन उनको एसी थर्ड बोगी की लोकेशन का पता लगाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। यहां कोच गाइडेंस सिस्टम नहीं लगा था। इसके चलते वह कुछ देर तक भटकती रही।
पिछले चार साल से चारबाग स्टेशन के आठ प्लेटफार्मों पर इसी तरह यात्री अपनी बोगियों की लोकेशन के लिए भटक रहे हैं। रेलवे के सिगनल व टेलीकॉम अनुभाग ने यहां लगे पुराने कोच डिस्प्ले सिस्टम को तकनीकी गड़बड़ी के कारण हटा दिए थे। इन डिस्प्ले सिस्टम को लगाने की प्रक्रिया कई महीनों तक ठंडे बस्ते में पड़ी रही। रेलवे के सिगनल अनुभाग ने इसका टेंडर जारी किया। लेकिन कोच गाइडेंस सिस्टम के लिए कंपनी का चयन नहीं हो सका। इसका खामियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म एक के अलावा कहीं भी कोच गाइडेंस सिस्टम नहीं लगे हैं। जबकि दो से सात नंबर प्लेटफार्म से डिब्रूगढ़ से नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, चंडीगढ़ एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस, जनता एक्सप्रेस, पदमावत एक्सप्रेस, नौचंदी एक्सप्रेस, फैजाबाद दिल्ली एक्सप्रेस, आनंद विहार गरीब रथ, बेगमपुरा एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों का आगमन व प्रस्थान भी होता है। आम दिनों में चारबाग स्टेशन से प्रतिदिन लगभग 280 से 290 ट्रेनें गुजरती हैं। जबकि इन दिनों कोरोना के कारण चारबाग से 180 से 190 ट्रेनें प्रतिदिन गुजर रही हैं।
इसलिए जरूरी है कोच गाइडेंस: चारबाग के प्लेटफार्मों की लंबाई 600 से 800 मीटर की है। ऐसे में ट्रेन के आने पर यात्री अपनी बोगी तक बिना किसी दिक्कत के पहुंच सके। कोच गाइडेंस में उनकी बोगियों की जानकारी डिस्प्ले होती है। चारबाग स्टेशन के तीन पैदल पुल से यात्री अपने प्लेटफार्मों तक पहुंचते हैं।

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