अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से जिस बात का अंदेशा था वो अब सच होता दिख रहा है। अफगानिस्तान में यूनाइटेड नेशन के ऑफिस में तालिबान का हमला हुआ है। तालिबानी हमले में संयुक्त राष्ट्र के ऑफिस में तैनात गॉर्ड की मौत हो गई है। हेरात में अफगान जवानों और तालिबानी आतंकियों के बीच में गोलीबारी भी हुई है। तालिबान ने हेरात से कुछ ही दूर के इलाके में संयुक्त राष्ट्र के ऑफिस में गोलियां चलाई हैं। इसमें एक गार्ड के मारे जाने की खबर है। ये झड़पें हेरात प्रांत की राजधानी से लगभग 10 किलोमीटर दूर गुजरा जिले में हो रही थीं। अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बीच लड़ाई तेज हो गई है। पहले कभी लोगों को सुरक्षित करना होता था तो संयुक्त राष्ट्र के ऑफिस में भेज दिया जाता था। लेकिन अब वहां भी हमला हो जाने के बाद ये अंदाजा लगाना मुश्किल है कि महफूज कौन सी जगह को माना जाए।
UN कार्यालय पर हमले की गुतारेस ने निंदा की
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अफगानिस्तान के हेरात में संयुक्त राष्ट्र के मुख्य परिसर पर हमले की कड़ी निंदा की और कहा विश्व संगठन के कर्मियों तथा परिसरों पर हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत निषिद्ध हैं तथा इन्हें युद्ध अपराध माना जा सकता है।
मौके की ताक में चीन-पाकिस्तान
एक पुरानी कहावत है कि जब घर में आपस में लड़ाई होती है तो इसका फायदा पड़ोसियों को होता है। अफगानिस्तान के पड़ोसी के तौर पर पाकिस्तान और चीन इसी की ताक में बैठे हैं। हां, ये बात जरूर है कि अफगानिस्तान के पास भारत जैसे भी पड़ोसी देश हैं जो अफगानिस्तान में शांति बहाली की प्रक्रिया को मजबूत होने देना चाहते हैं। अफगान के लोगों का भविष्य अफगान के लोगों के हाथ में हो न कि पाकिस्तान की आर्मी या आईएसआई के हाथ में हो।