जमीन घोटाले में खुली तहसीलदार की पोल
जमीन घोटाले में राजस्व परिषद प्रयागराज से संबद्ध किए गए सदर तहसील के तत्कालीन तहसीलदार वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता को राजस्व परिषद प्रयागराज में अटैच किया गया।
उत्तर प्रदेश , गोरखपुर – परिषद की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने तहसीलदार को परिषद से संबद्ध किए जाने का आदेश 18 अगस्त को जारी कर दिया है। गोरखपुर सदर स्थित भटहट ब्लाक के जंगल डुमरी नंबर-दो पर करीब 26 एकड़ से अधिक जमीन है। इस जमीन का कोई वारिस न होने पर इसे ग्राम सभा की जमीन में निहित कर दिया गया था। बाद में यह जमीन नगर निगम में आ गई। अचानक 25 मई 2022 को दो मूल खातेदारों का पुत्र होने का दावा करने वालों के नाम इसका वरासत कर दिया गया। हंगामा मचने के बाद इसे 29 जुलाई को निरस्त कर दिया गया। गोरखपुर के जिलाधिकारी ने मामले की जांच कराई तो इसमें तत्कालीन सदर तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
जांच में पाया गया कि शैलेंद्र नाथ बनर्जी बनाम गौतम बनर्जी और केदार नाथ बनर्जी बनाम आलोक मुखर्जी मामले में आदेश पारित करने में वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता तत्कालीन तहसीलदार सदर द्वारा न्यायिक प्रक्रिया का सम्यक अनुपालन नहीं किया गया। जांच के दौरान इन्हें प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया। गोरखपुर के कमिश्नर ने इस संबंध में राजस्व परिषद को पत्र लिखा था। उन्होंने वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता को राजस्व परिषद से संबद्ध करने का अनुरोध किया था। इसके आधार पर उन्हें हटा दिया गया है।