साइबर अपराध को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग लेगा AI की मदद

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लखनऊ.दूरसंचार विभाग (डीओटी), भारत सरकार ने मोबाइल सिम उपभोक्ताओं के सत्यापन के लिए एक नवोन्मेषी, स्वदेशी, नेक्स्ट जेन प्लेटफॉर्म ASTR- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI ), फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन को डिजाइन और कार्यान्वित किया है. जिसका उपयोग गैर- प्रामाणिक मोबाइल उपभोक्ताओं के विश्लेषण, नकली / जाली मोबाइल सिम की पहचान कर साइबर अपराध के खतरे को रोकने के लिए किया जा रहा है।

ASTR प्लेटफॉर्म के उपयोग से उत्तर प्रदेश पश्चिम लाइसेंस सेवा क्षेत्र (एलएसए) के दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSPS) द्वारा जारी किए गए लगभग 1, 16, 286 गैर- प्रामाणिक मोबाइल कनेक्शनों की पहचान की गयी है। दूरसंचार विभाग की उत्तर प्रदेश पश्चिम लाइसेंस सेवा क्षेत्र (एलएसए) इकाई ने इन सभी कनेक्शनों का विश्लेषण किया है और यह सुनिश्चित किया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा ऐसे सभी गैर – प्रामाणिक मोबाइल कनेक्शनों को काट दिया गया है। इसके अलावा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने ऐसे फर्जी मोबाइल कनेक्शन जारी करने में शामिल 5,483 पॉइंट- ऑफ-सेल्स (पीओएस) / रिटेलर्स को ब्लैक लिस्ट किया है और 44 ऐसे पीओएस के संबंध में कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के पास शिकायत भी दर्ज कराई गई है। ऐसे कनेक्शनों की सूचना, पॉइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) के विवरण के साथ, उत्तर प्रदेश की साइबर अपराध शाखा और उत्तराखंड राज्य पुलिस को सौंप दिया गया है। उन्होंने गैर-वास्तविक मोबाइल कनेक्शन जारी करने में शामिल सभी धोखाधड़ी करने वालों पर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

ऊपर दिए गए कदम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में साइबर अपराध सहित विभिन्न अवैध गतिविधियों के लिए ऐसे नकली / जाली, गैर- प्रामाणिक मोबाइल कनेक्शन के उपयोग को रोकने में मदद करेंगे।

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