25 करोड़ पौधारोपण का रिकॉर्ड उत्तर प्रदेश में फिर बना , सात जुलाई तक चलेगा अभियान
उत्तर प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। योगी सरकार 2.0 ने अगले पांच वर्षों के लिए 175 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत इस मानसून सीजन में 35 करोड़ पौधे लगाए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को लगातार तीसरे वर्ष एक दिन में 25 करोड़ पौधारोपण का रिकार्ड बना दिया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ में व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट में पौधा रोपकर 35 करोड़ पौधारोपण जन आंदोलन 2022 अभियान का शुभारंभ किया। बुधवार व गुरुवार यानी छह व सात जुलाई को भी ढाई-ढाई करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। योगी सरकार 1.0 में पांच वर्षों में 100 करोड़ पौधे लगाने के बाद योगी सरकार 2.0 ने अगले पांच वर्षों के लिए 175 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत इस मानसून सीजन में 35 करोड़ पौधे लगाए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत मंगलवार को योगी सरकार 2.0 के 100 दिन पूरा होने के अवसर पर की गई।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ के कुकरैल वन क्षेत्र में त्रिशक्ति के रूप में तीन पौधों का रोपण कर 35 करोड़ पौधारोपण अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने मां पार्वती के रूप में कदंब, मां दुर्गा के स्वरूप में नीम व मां सरस्वती के रूप में आम का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरिशंकरी का पौधा लगाया।
सुबह से शुरू हुए अभियान के तहत एक दिन में 25 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य शाम 5:58 बजे पूरा हो गया। 25.15 करोड़ से अधिक पौधे लगने के बाद मंगलवार को पौधारोपण अभियान को रोक दिया गया।
इस बार अभियान के लिए 75 जिलों में से 50 जिलों में सरकार ने अपने मंत्रियों व 25 जिलों में सांसदों को लगाया था। इसके अलावा विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव से लेकर सचिव स्तर तक के अधिकारियों को प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी बनाकर पौधारोपण अभियान को सफल बनाया गया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे ने बताया कि पौधारोपण अभियान को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए पहली बार सभी पौधारोपण स्थल की जियोटैगिंग कराई गई है।
सरकार ने पर्यावरण को अधिक लाभ पहुंचाने वाली प्रजातियों के अच्छे पौधे अधिक लगाए हैं। जिन प्रजातियों का रोपण हुआ है उनमें नीम, सहजन, आंवला, इमली, अर्जुन, जामुन, बेल, आम, महुआ, सागौन, शीशम, गुटेल, बांस, पीपल, पाकड़, बरगद आदि हैं।
प्रदेश में लगे पौधे जब बड़े हो जायेंगे तो हरियाली बढऩे के साथ ही वर्ष 2030 तक लगभग 18.55 मिलियन टन कार्बन का अवशोषण भी करेंगे। अगले पांच वर्ष में सरकार 175 करोड़ पौधारोपण करेगी इनसे 72 मिलियन टन कार्बन का अवशोषण हो सकेगा।