ऐतिहासिक इमारतों के रखरखाव और उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए हवाई पट्टियों के उपयोग की नीति’ की स्वीकृति राज्य के मंत्रिपरिषद ने दी।

#एडाॅप्ट ए हेरिटेज पाॅलिसी ‘अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ पर स्वीकृति #उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों और फ्लाइंग क्लबों/अकादमियों के लिए हवाई पट्टियों के उपयोग की नीति’ को स्वीकृति

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उत्तर प्रदेश –   https://www.everydaynews.in/under-the-chairmanship-of-uttar-pradesh-chief-minister-yogi-adityanath-some-important-decisions-were-taken-by-the-council-of-ministers-on-monday/

एडाॅप्ट ए हेरिटेज पाॅलिसी ‘अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ पर स्वीकृति

मंत्रिपरिषद ने भारत सरकार द्वारा स्वीकृत एडाॅप्ट ए हेरिटेज पाॅलिसी ‘अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ की भांति प्रदेश के लिए तैयार की गयी उत्तर प्रदेश एडाॅप्ट ए हेरिटेज पाॅलिसी ‘अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ को अनुमोदित कर दिया है।

नीति के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय (संस्कृति विभाग) द्वारा संरक्षित स्मारकों/पुरास्थलों का स्थलीय विकास, रखरखाव एवं जन सुविधाओं का प्रबन्धन सार्वजनिक उद्यम इकाइयों व निजी क्षेत्र की सहभागिता से किया जाएगा। नीति के तहत संरक्षित स्मारकों/पुरास्थलों को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र के उद्यमियों को स्मारक मित्र बनाया जाना प्रस्तावित है। चयनित स्मारक मित्रों द्वारा स्वयं के संसाधनों से स्मारकों का स्थलीय विकास, पर्यटकों के लिए स्मारक परिसर में जनसुविधा प्रबन्धन एवं वार्षिक रखरखाव आदि की व्यवस्था की जाएगी।

एडाॅप्ट ए हेरिटेज पाॅलिसी के अन्तर्गत चयनित स्मारक मित्र, उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय (संस्कृति विभाग), पर्यटन विभाग एवं सम्बन्धित जिले के जिलाधिकारी के मध्य एम0ओ0यू0 किया जाएगा, जिसकी अधिकतम अवधि 05 वर्ष के लिए होगी। प्रस्तावित कार्य संस्कृति विभाग (उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय) एवं पर्यटन विभाग द्वारा सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी के माध्यम से पारस्परिक सहयोग से किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन हेतु संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग की एक संयुक्त समिति बनायी जाएगी। संयुक्त समिति द्वारा निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार कार्य किया जाएगा।

मंत्रिपरिषद द्वारा नीति के अन्तर्गत प्रथम चरण में पुरातत्व निदेशालय (संस्कृति विभाग) द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग के 11 प्रमुख स्मारकों/स्थलों का चयन स्मारक मित्र बनाये जाने के लिए किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमति प्रदान कर दी गयी है। चयनित स्मारकों में छतरमंजिल एवं फरहत बख्श कोठी कैसरबाग लखनऊ, कोठी गुलिस्ताने इरम कैसरबाग लखनऊ, दर्शन विलास कोठी कैसरबाग लखनऊ, हुलासखेड़ा उत्खनन स्थल मोहनलालगंज लखनऊ, कुसुमवन सरोवर गोवर्धन मथुरा, गोवर्धन की छतरियां गोवर्धन मथुरा, रसखान समाधि गोकुल मथुरा, गुरुधाम मन्दिर वाराणसी, कर्दमेश्वर महादेव मन्दिर कंदवा वाराणसी, चुनार किला मीरजापुर एवं प्राचीन दुर्ग बरुआसागर झांसी सम्मिलित हैं।

उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों और फ्लाइंग क्लबों/अकादमियों के लिए हवाई पट्टियों के उपयोग की नीति’ को स्वीकृति

मंत्रिपरिषद ने प्रस्तावित नयी नीति ‘उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों और फ्लाइंग क्लबों/अकादमियों के लिए हवाई पट्टियों के उपयोग की नीति’ को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अन्तर्गत नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा चयनित संगठनों (फ्लाइंग क्लब/एकेडमी) को अकबरपुर (अम्बेडकरनगर), अन्धऊ (गाजीपुर), श्रावस्ती, फर्रुखाबाद, धनीपुर (अलीगढ़), अमहट (सुल्तानपुर), म्योरपुर (सोनभद्र), सैफई (इटावा), पलिया (खीरी), झांसी, रसूलाबाद (कानपुर देहात), आजमगढ़ व चित्रकूट जनपदों में स्थित कुल 13 हवाई पट्टियों तथा उन पर निर्मित परिसम्पत्तियों (हैंगर, भवन आदि) को उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने हेतु अनुमति प्रदान की जाएगी।

चिन्हित हवाई पट्टी के उपयोग की अनुमति (एक हवाई पट्टी पर चार संगठनों को) दी जाएगी। हवाई पट्टी पर हैंगर, भवन/अन्य सुविधाएं उपलब्ध है तो अतिरिक्त शुल्क के भुगतान पर उपयोग की अनुमति दी जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्यकतानुसार नाइट लैण्डिंग हेतु सैफई जनपद इटावा हवाई पट्टी का उपयोग अतिरिक्त धनराशि देकर किया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के अतिरिक्त राजकीय विमानों तथा चार्टर विमानों के उपयोग के लिए लायी जाएगी। संगठन को 10 वर्ष के अस्थायी तौर पर दी जाएगी, जिसे राज्य सरकार 06 माह की नोटिस पर वापस ले सकेगी। नागरिक उड्डयन विभाग शर्तों की समीक्षा करेगा। संगठन को हैंगर, भवनों/अन्य का अपने व्यय पर मरम्मत करानी होगी। संगठन को हवाई पट्टी के उपयोग के लिए 10 लाख प्रतिवर्ष के हिसाब से 10 वर्ष के लिए दी जाएगी। ई-टेण्डरिंग के माध्यम से चयन की प्रक्रिया की जाएगी। प्राप्त प्रस्ताव का परीक्षण विशेषज्ञ समिति, जिसके अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग होंगे। प्रशिक्षुओं से लिए जाने वाले शुल्क की 03 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार को देय होगी।

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