प्रदेश सरकार गंभीर रूप से दिव्यांग 10,181 बच्चों के लिए घर पर करेगी शिक्षा की व्यवस्था
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिव्यांग बच्चों को घर पर ही शिक्षा उपलब्ध करवाने की एक अच्छी पहल शुरू की है। सरकार होम बेस्ड एजुकेशन के तहत हर छात्र-छात्रा को 3500-3500 की लर्निंग सामग्री भी उपलब्ध करवाएगी।
उत्तर प्रदेश – योगी आदित्यनाथ सरकार गंभीर रूप से दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए प्रयासरत है। सरकार प्रदेश के गंभीर रूप से दिव्यांग 10181 बच्चों की घर पर ही पढ़ाई करवाने के लिए सरकार व्यवस्था कर रही है। इन छात्र-छात्राओं को जिलों में तैनात स्पेशल एजुकेटर्स व फीजियोथेपिस्ट घर में जाकर पढ़ाएंगे।
इन बच्चों को लर्निंग सामग्री व स्टेशनरी आदि भी सरकार 30 अगस्त तक मुहैया कराएगी। इस संबंध में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निर्देशक विजय किरन आनंद ने बीएसए को भेजे पत्र में निर्देश दिया है कि समेकित शिक्षा के तहत गंभीर रूप से दिव्यांग बच्चों को होम बेस्ड एजुकेशन दी जानी है।
छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन सामग्री दिलाने के लिए तीन करोड़ 56 लाख 33 हजार 500 रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस धनराशि से हर छात्र – छात्रा को 3500-3500 रुपये की शिक्षण सामग्री मुहैया करानी है। शिक्षण सामग्री जेम पोर्टल से ही ख जानी है। जिला समन्वयक समेकित शिक्षा स्पेशल एजुकेटर्स व फीजियोथेरेपिस्ट से बच्चों की सूची लेकर एक सप्ताह में बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराएंगे।
निर्देशक ने हर जिले में शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए बीएसए की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इसमें जिला समन्वयक समेकित शिक्षा सदस्य सचिव, सहायक एवं वित्त लेखाधिकारी व जिला समन्वयक एमआइएस सदस्य होंगे। शिक्षण सामग्री की सूची भी जिलों को भेजी गई है। हर जिले में यह कार्य 30 अगस्त तक हर हाल में किया जाना है।
शिक्षा के साथ ज़रूरी सामान बच्चों तक पहुंचाने में देरी –
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढने वाले बच्चों को यूनीफार्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा आदि सामग्री खरीदने के लिए डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों को भुगतान किया जाता है। 29 जून को हुई समीक्षा बैठक में सामने आया कि छात्र-छात्राओं का आधार प्रमाणित करने में मथुरा, अमरोहा, गाजियाबाद, आगरा, महोबा, अयोध्या, जालौन, बुलंदशहर, औरैया व गोरखपुर सबसे पीछे हैं।