बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में मन मुताबिक पद नहीं मिलने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं भाजपा के भी कई नेता लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। दूसरी ओर, चाचा-भतीजे की राजनीति भी लगातार जारी है। एक ओर भतीजा से बगावत करने के बाद चाचा पशुपति पारस केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाने में कामयाब रहे तो वही, राजद के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने भतीजा चिराग पासवान से मुलाकात कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। इन सबके बीच राज्य में लालू प्रसाद यादव के लौटने को लेकर लगातार खबरें आ रही है।
फिलहाल लालू यादव बेल के बाद दिल्ली में अपानी बेटी व सांसद मीसा भारती के आवास पर रह रहे हैं। वहीं से उन्होंने अब तक पार्टी कार्यकर्ताओं को दो बार संबोधित किया है। इन सबके बीच राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद मनोज झा ने उनसे मुलाकात की है। यह मुलाकात इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि रजक ने इससे पहले चिराग पासवान से मुलाकात की थी। इसके अलावा रजक ने बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मीरा कुमार से भी मुलाकात की थी। मौजूदा राजनीतिक समीकरणों को देखें तो यह मुलाकात बेहद ही अहम मानी जा रही है।
इसके अलावा इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि लालू के बिहार लौटने के बाद राजद और भी सक्रिय होकर नीतीश कुमार पर हमलावर होगी। वह भी जोड़-घटाव के राजनीति को शुरू करेगी। यह भी कहा जा रहा है कि लालू यादव की ओर से चिराग को संदेश भेजा गया है। ऐसे में अगर चिराग के राजद के साथ आते हैं तो कहीं ना कहीं बिहार में एक नए समीकरण करने की शुरुआत हो जाएगी। सवाल यह भी है कि क्या तेजस्वी और चिराग मिलकर आने वाले चुनाव में भाजपा और जदयू को कड़ी टक्कर देंगे? अगर चिराग राजद से जुड़ते हैं तो कहीं ना कहीं पासवान के वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने में लालू और तेजस्वी कामयाब हो सकते हैं।
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