गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु 5,100 करोड़ रुपये की ऋण स्वीकृति पत्र के हस्तांतरण 

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही, अवस्थापना सुविधाओं के तेजी से विकास के लिए कृतसंकल्प है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। विगत साढ़े चार वर्षों में राज्य में हुए अवस्थापना विकास के कार्य इसी दिशा में किये गये प्रयास का भाग हैं।

आज  इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान

मुख्यमंत्री जी आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु सेक्योरिटाइजेशन के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 5,100 करोड़ रुपये की ऋण स्वीकृति पत्र के हस्तांतरण के सम्बन्ध में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी को पंजाब नेशनल बैंक के प्रबन्ध निदेशक-सह-सी0ई0ओ0 श्री एस0एस0 मल्लिकार्जुन राव ने ऋण स्वीकृति पत्र एवं प्रतीकात्मक चेक सौंपा।

देश के दूसरे सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने के लिए 594 किलोमीटर लम्बाई के देश के दूसरे सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे के रूप में गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनने जा रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 93 प्रतिशत भूमि की व्यवस्था की जा चुकी है। इस एक्सप्रेस-वे के पूर्ण हो जाने से लखनऊ से मेरठ की बीच की दूरी, जिसे तय करने में अभी 12 से 15 घण्टे लगते हैं, वह 05 से 06 घण्टे में तय की जा सकेगी। इसी प्रकार प्रयागराज और मेरठ के बीच की दूरी लगभग साढ़े छः घण्टे में तय की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक अपनी सभी एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं के लिए स्वयं ही वित्त व्यवस्था की है। राज्य सरकार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मॉरगेज के माध्यम से गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए धनराशि की व्यवस्था करने पर विचार कर रही थी। उन्होंने  प्रधानमंत्री जी एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री जी प्रति आभार जताया, जिन्होंने केन्द्रीय बजट में देश के विभिन्न भागों में  समन्वित विकास के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर देते हुए ‘‘राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन’’ और ‘‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’’ की वृहद अवधारणा प्रतिपादित की। इस इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों को जुटाने के लिए अन्य स्रोतों के अतिरिक्त मुद्रीकरण की प्रक्रिया को इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण वित्तपोषण विकल्प के रूप में सुझाया गया था।

 

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