उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रिपरिषद द्वारा कुछ अहम फैसले लिए गए
उत्तर प्रदेश – चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 से आगामी वित्तीय वर्षाें हेतु बीज ग्राम योजनान्तर्गत गेहूं एवं धान के बीज पर
चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 से आगामी वित्तीय वर्षाें हेतु बीज ग्राम योजनान्तर्गत गेहूं एवं धान के बीज पर अन्य केन्द्रीय योजनाओं के समतुल्य अनुदान की धनराशि दिये जाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा विशेष अनुदान की नयी व्यवस्था प्रारम्भ किये जाने के सम्बन्ध में फ़ैसले लिए गए।
मंत्रिपरिषद ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 से आगामी वित्तीय वर्षाें हेतु बीज ग्राम योजनान्तर्गत गेहूं एवं धान के बीज पर अन्य केन्द्रीय योजनाओं के समतुल्य अनुदान की धनराशि दिये जाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा विशेष अनुदान की नयी व्यवस्था प्रारम्भ किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि केन्द्र पोषित योजनाओं यथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, पूर्वी भारत में हरित क्रान्ति के विस्तार की योजना, एकीकृत धान्य विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत धान एवं गेहूं बीज वितरण पर कृषकों को मूल्य का 50 प्रतिशत एवं अधिकतम 2,000 रुपये प्रति कुन्तल, जो भी कम हो, अनुदान अनुमन्य है ।
अनुदान की अधिकतम धनराशि 2,000 रुपये प्रति कुंतल दिये जाने के दृष्टिगत, चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रदेश में जायद, खरीफ एवं रबी मौसम की विभिन्न फसलों के बीजों पर बीज ग्राम योजनान्तर्गत ‘बीज उत्पादन कार्य मद’ में केन्द्र सरकार द्वारा धान एवं गेहूं के बीज मूल्य पर 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम धनराशि क्रमशः 1750 रुपये प्रति कुन्तल एवं 1600 रुपये प्रति कुन्तल तक के अनुदान के अतिरिक्त बीज उत्पादन कार्यक्रम अन्तर्गत कृषकों को प्रोत्साहित करने हेतु, धान के बीज पर 250 रुपये प्रति कुन्तल एवं गेहूं के बीज पर 400 रुपये प्रति कुन्तल का अतिरिक्त अनुदान उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।
जनपद मिर्जापुर में विन्ध्यवासिनी मंदिर पर,
जनपद मिर्जापुर में विन्ध्यवासिनी मंदिर को जाने वाले मार्गाें को जोड़ने वाले पहुंच मार्गाें के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण और0 विन्ध्यवासिनी मंदिर पर परकोटा एवं परिक्रमा पथ के निर्माण एवं विन्ध्यवासिनी मंदिर की गलियों के फसाड ट्रीटमेंट के निर्माण के सम्बन्ध में भी कुछ फैसले निश्चित किए गए।विन्ध्यवासिनी मंदिर को जाने वाले मार्गाें को जोड़ने वाले पहुंच मार्गाें के सुदृढ़ीकरण एवं निर्माण से सम्बन्धित परियोजना के लिए 4038.10 लाख रुपये, विन्ध्यवासिनी मंदिर पर परकोटा एवं परिक्रमा पथ के निर्माण से सम्बन्धित परियोजना के लिए 4,575.97 लाख रुपये तथा विन्ध्यवासिनी मंदिर की गलियों के फसाड ट्रीटमेंट के निर्माण से सम्बन्धित परियोजना के लिए 4,187.92 लाख रुपये की लागत आकलित की गयी है। मंत्रिपरिषद ने परियोजना के सम्बन्ध में अग्रतर कार्यवाही हेतु निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया है।
ज्ञातव्य है कि जनपद मीरजापुर स्थित आदि शक्ति माँ विन्ध्यवासिनी देवी मंदिर करोड़ों देशवासियों के लिए श्रद्धा एवं आस्था का केन्द्र है, जहाँ प्रतिवर्ष भारत के कोने-कोने से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं एवं विशेष रूप से नवरात्रि के अवसरों पर यह संख्या और अधिक हो जाती है। विन्ध्यांचल स्थित मुख्य मंदिर में माँ विन्ध्यवासिनी धाम के चारों तरफ परम्परागत तौर पर श्रद्धालुओं के द्वारा परिक्रमा की जाती है, परन्तु मंदिर परिसर में परिक्रमा मार्ग सीमित एवं सँकरा होने के कारण दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है। सम्भावित दुर्घटना को रोकने के लिए नवरात्रि के समय भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करना पड़ता है। विन्ध्यधाम में पर्यटन सुविधायें विकसित करने से यहाँ पर प्रत्येक श्रेणी के पर्यटकों का आवागमन बढ़ाये जाने के साथ-साथ उनके रात्रि प्रवास को भी बढ़ाया जा सकता है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ पूँजी निवेश में भी वृद्धि होगी।
उड़ान 4.1 ( UDAN 4.1 ) की बिड पर
मंत्रिपरिषद ने उड़ान 4.1 ( UDAN 4.1 ) की बिड में चयनित राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित रूट्स पर 100 प्रतिशत वायबिलिटी गैप फण्डिंग (वी0जी0एफ0) का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। तदनुसार राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित समस्त रूट्स के लिए 03 वर्ष हेतु वार्षिक आधार पर प्रतिवर्ष वायबिलिटी गैप फण्डिंग (वी0जी0एफ0) की आगणित धनराशि 02 अरब 56 करोड़ 28 लाख 32 हजार 170 रुपये को राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार द्वारा निर्धारित व्यवस्था के अनुसार भुगतान किये जाने हेतु वचनबद्धता के सम्बन्ध में सहमति भी प्रदान की गई है। मंत्रिपरिषद ने इसके सम्बन्ध में यथावश्यक अन्य बिन्दुओं पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदन प्रदान कर दिया है।