चीन निर्मित स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी विवाद पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी का ट्वीट
हाल ही में हैदराबाद के एक मंदिर में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की गई रामानुजाचार्य की 216 फीट की मूर्ति, स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी को लेकर विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को दावा किया कि प्रतिमा चीन में बनी है, पीएम मोदी के आत्मानिर्भर भारत के दृष्टिकोण पर सवाल और आलोचना की। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने हमले की निंदा की और कहा कि राहुल गांधी का आरोप झूठा और अज्ञानी है।
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने स्पष्ट किया कि प्रतिमा बनाने में सरकार शामिल नहीं थी। यह एक पूरी तरह से निजी पहल थी, जिसकी कल्पना 8 साल पहले की गई थी।
किशन रेड्डी ने यह भी कहा कि इस परियोजना की कल्पना पीएम मोदी के आत्मानबीर भारत के आह्वान से पहले की गई थी।
पीएम मोदी के पहली बार सत्ता में आने के एक साल बाद 2015 में चीन की एरोसन कॉर्पोरेशन को टेंडर दिया गया था। बोली लगाने की दौड़ में एक भारतीय कंपनी थी, लेकिन चीनी कंपनी ने टेंडर जीत लिया। प्रतिमा की स्थापना भारत में लगभग 15 महीने तक चली।
मूर्ति को शमशाबाद में हैदराबाद हवाई अड्डे के पास एक मंदिर समता केंद्रम के अंदर बनाया गया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आध्यात्मिक केंद्र उद्योगपति जुपल्ली रामेश्वर राव द्वारा दान की गई 45 एकड़ भूमि पर बनाया गया है। इस परियोजना की कल्पना चिन्ना जीयर स्वामी ने की थी।
परियोजना के लिए धन दान के माध्यम से उठाया गया है। प्रतिमा के लिए ₹135 करोड़ खर्च किए गए, जबकि पूरी परियोजना ₹1,000 करोड़ की है।