बागपत। बागपत में सोमवार को आधी रात तक खासा हंगामा खड़ा हो गया। बिनौली के रंछाड गांव में कोरोना टीकाकरण शिविर के दौरान ग्रामीणों की भीड़ उमडऩे पर व्यवस्था बनाने पहुंचे दो पुलिसकर्मियों के साथ एक युवक व अन्य ग्रामीणों ने मारपीट कर दी और फरार हो गए। घटना की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई। इस मामले में पुलिस ने आरोपितों के मकान में दबिश दी और तोडफ़ोड़ कर दी। दो महिलाओं को हिरासत में ले लिया। इस पर एक आरोपित युवक ने खेत पर फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। इससे पुलिस के खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित हो गए और देररात तक हंगामे का दौर जारी रहा।
यह है मामला
ग्रामीण आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे है। सोमवार की सुबह रंछाड़ गांव के प्राथमिक विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कोरोना टीकाकरण शिविर लगाया गया था। एएनएम रीतू तोमर, मुनेश देवी, शीतल व आशा संगिनी रीना टीकाकरण करने पहुंची थी। इस दौरान टीका लगवाने ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गई, जिससे वहां अफरातफरी मच गई। व्यवस्था बनाने के लिए माखर चौकी पर तैनात हेडकांस्टेबल सलीम व मुरली पहुंचे, तो पुलिसकर्मियों के साथ भी एक युवक व अन्य ग्रामीणों ने मारपीट कर दी। मारपीट में एक पुलिसकर्मी जमीन पर भी गिर गया। इसके बाद आरोपित फरार हो गए। इस घटना की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई।
तोड़फोड़ करने का आरोप
हेडकांस्टेबल सलीम ने आरोपितों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने व मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने देर शाम को गांव में आरोपितों की तलाश में दबिश दी। आरोप है कि आरोपित अक्षय पुत्र श्रीनिवास के मकान पर पुलिस ने दबिश के दौरान तोडफ़ोड़ की और एक कार को तोड़ दिया। एक ट्रैक्टर को कब्जे में लिया। साथ ही दो महिला को हिरासत में ले लिया। पुलिस कार्रवाई से क्षुब्ध होकर अक्षय खेत पर पहुंचा और वहां पर एक पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। जानकारी होने पर ग्रामीण खेत पर एकत्रित हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने दबिश देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। सीओ बड़ौत आलोक ङ्क्षसह समेत कई थानों की पुलिस व पीएसी के साथ मौके पर पहुंच गए। मामले को लेकर पुलिस व ग्रामीणों के बीच वार्ता जारी है।
पुलिस के खिलाफ भड़के रालोद जिलाध्यक्ष
रालोद के जिलाध्यक्ष डा. जगपाल ङ्क्षसह ने बयान जारी कर कहा कि रंछाड़ गांव में पुलिस की अमानवीयता से युवक ने खुदकुशी की है। उन्होंने कहा कि आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। मृतक के परिवार से एक व्यक्ति की सरकारी नौकरी तथा आर्थिक मदद जाए। पीडि़त परिवार को न्याय नहीं मिला तो रालोद आवाज उठाएगी।
देर रात भीड़ से घिरे रहे अफसर
घटना के बाद जिवाना, सिरसली, बामनोली समेत कई गांव के लोग रँछाड गांव में लोग मौके पर पहुंचे और आरोपित पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अक्षय के घर काफी संख्या में आक्रोशित लोगों का जमावड़ा है और आरोपित पुलिस वालों को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे है। जब तक बिनौली थाने के आरोपित पुलिसकर्मी मौके पर नहीं आ जाते और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं हो जाता तब तक शव को नहीं उठने दिया जाएगा। उधर, देर रात एएसपी मनीष कुमार मिश्र और एसडीएम दुर्गेश कुमार मिश्र भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए शव को नहीं उठने दिया।
रो रोकर बुरा है हाल
अक्षय के स्वजन का रो रो कर बुरा हाल है। अक्षय की माता, भाई, पिता समेत दूसरे स्वजन अक्षय के शव के साथ लिपटकर रो रहे हैं। स्वजन का कहना है कि अक्षय का ऐसा क्या गुनाह था जो पुलिस ने उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस की कार्रवाई से गांव के लोगों में भारी आक्रोश है। गांव के प्रत्यक्षदर्शी लोगों का आरोप है कि पुलिस ने देर शाम आते ही अक्षय के घर तोड़फोड़ करते हुए महिलाओं के साथ भी मारपीट कर दी। महिलाओं से फोन छीन लिए। उसके बाद मोहल्ले में खड़े के लोगों के साथ भी बेरहमी से मारपीट की।
रंछाड गांव का माहौल तनावपूर्ण
अक्षय की मौत के बाद जिस तरह लोगों में आक्रोश है और पुलिस भी आसपास खड़ी हुई है उसे उससे गांव का माहौल तनावपूर्ण है पुलिस स्थिति को भाप कर ही लोगों से बातचीत कर रही है पुलिस ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहती जिससे लोग आक्रोशित हो जाए।
स्वजन के सवाल का जवाब नहीं दे सके
पुलिस अधिकारी अक्षय के घर जब पुलिस अधिकारी शव को उठाने पहुंचे तो स्वजन ने उन्हें अधिकारियों से एक के बाद एक कर के सवाल पूछे लेकिन भीड़ में गिरे पुलिस अधिकारी अक्षय के संयोजन का एक भी जवाब नहीं दे सके और चुपचाप खड़े उनके आक्रोश भरी बातों को ही सुनते रहे भीड़ के सामने पुलिस असहाय नजर आई।
पीएसी के जवानों को दौड़ाया
सोमवार को रात के समय जब पीएसी के जवान मौके पर जाते हुए अक्षय के घर के सामने को गुजर रहे थे तो महिलाओं ने पीएसी के जवानों को खरी-खोटी सुनाई देखते-देखते अक्षय के स्वजन और दूसरे लोग ने पीएसी के जवानों को दौड़ा लिया पीएसी के जवान जान बचाते हुए भागते दिखाई दिए। दो जवान एक गली में घुस गए उसके बाद मोबाइल से फोन कर वह अपने साथियों तक पहुंचे। हालांकि कई ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया।