उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा पर बड़ा फैसला लिया है। कांवड़ संघ से बातचीत के बाद योगी सरकार ने ये फैसला लिया है। कोरोना को देखते हुए कांवड़ यात्रा रद्द की गई है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी योगी सरकार को पुर्नविचार करने को कहा गया था। जिसके बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। इससे पहले उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भी फैसला लेते हुए कहा था कि संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए ऐतिहातन हर कदम उठाने की तैयारी सरकार की है और इसलिए कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई गई थी।
कावड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में कांवड़ यात्रा को लेकर सुनवाई हुई थी। उच्चतम न्यायालय ने 16 जुलाई को कहा था कि धार्मिक सहित सभी भावनाएं जीवन के अधिकार के अधीन हैं, साथ ही न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को 19 जुलाई तक उसे यह सूचित करने के लिए कहा कि क्या वह राज्य में “सांकेतिक” कांवड़ यात्रा आयोजित करने के अपने फैसले पर फिर से विचार करेगी।
उत्तराखंड-राजस्थान सरकार ने पहले ही रद्द की यात्रा
उत्तराखंड सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में इस वार्षिक यात्रा को रद्द कर दिया था जिसमें हजारों शिव भक्त पैदल चलकर गंगाजल लेने जाते हैं और फिर अपने कस्बों, गांवों को लौटते हैं। साथ ही बीते दिन राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी राज्य में कांवड़ यात्रा को बैन कर दिया. इसके अलावा, कांवड़ यात्रा पर बिहार, ओडिशा, झारखंड में भी रोक लगाई जा चुकी है।