रांची। सरकार के खिलाफ साजिश, आठ विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले ने राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा रखा है। मामले के जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही, वैसे ही पेंच फंसती जा रही है। सवाल उठ रहा आखिर, पुलिस किसे बचा रही। कार्रवाई तटस्थ है, या पक्षपातपूर्ण है। चूंकि इस मामले में साजिशकर्ताओं के नाम सामने आए, खरीद-फराेख्त की डील पर शामिल विधायकों के नाम भी उछले। इस पूरे प्रकरण में सबकुछ साफ है, फिर भी पुलिस चुप्पी साधे है।
झारखंड पुलिस कप्तान से लेकर रांची पुलिस कप्तान तक इस प्रकरण में कुछ नहीं बोल रहे। जबकि हर बड़े मामलों में पुलिस की ओर से प्रेस कांफ्रेंस किया जाता है। इस मामले में पुलिस अनुसंधान का अपडेट तक बताने में बचना चाह रही। दरअसल, बीते 22 जुलाई को होटल लीलैक में छापेमारी के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा। पूछताछ में खुलासे के बाद कांग्रेस के ही तीन विधायकों के दिल्ली जाने व बैठक करने की बात सामने आई। इनके अलावा भी कई विधायकों के संपर्क में रहने की बात सामने आई है।
फ्लाइट की पीएनआर नंबर व होटल की सीसीटीवी मिला सुराग
छापेमारी में पुलिस होटल लीलैक से हवाई यात्रा से संबंधित टिकट मिला है। जिनके पीएनआर नंबर IGCT2V और OMZMRW है। पता चला है कि विधायकों ने भी दिल्ली यात्रा की है। दिल्ली के होटल विवांता और हैरियर में सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए है। जिनमें बैठकों से संबंधित महत्वपूर्ण फुटेज मिले हैं। कई बातें साफ है, फिर भी वैसे लोगों की गिरफ्तारी नहीं हो रही जिन्होंने साजिश को बल दिया है। पुलिस ने केवल छोटे प्यादों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
नाम बताया फिर भी केवल विधायक लिखकर खानापूर्ति
इस मामले में जेल भेजे गए अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद के स्वीकारोक्ति बयान में साजिशकर्ताओं के संपर्क में रहने वाले विधायकों के नाम का उल्लेख किया गया है। आरोपितों द्वारा नाम बताने के बावजूद बयान में केवल विधायक जी लिखा गया है। जबकि स्वीकारोक्ति बयान में दूसरी बातों पर गौर किया जाए तो सबकुछ स्पष्ट है। यहां तक लिखा गया है कि गाड़ी, किस होटल में बैठक हुई। बावजूद विधायकों के नाम स्वीकारोक्ति बयान से गायब हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र से आए नेता कैसे फरार हो गए यह भी बड़ा सवाल है। होटल के रिकॉर्ड में इनके नाम से कमरा नंबर 407, 307, 310, 611 बुक होने की जानकारी मिली है। वहां से चार सूटकेस, दो लाख रुपये नकद, कई हवाई टिकट, कई मोबाइल फोन के साथ साथ कई कागजात जब्त किए गए थे। लेकिन आरोपित भाग निकले।
दिल्ली गई टीम वापस लौटी, मिले हैं कई अहम सुराग
मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई है। जो रांची से लेकर दिल्ली और महाराष्ट्र तक की छानबीन कर रही है। दिल्ली के जिस होटल विवांता और हैरियर में मीटिंग हुई, वहां की सीसीटीवी फुटेज और सारे रिकॉर्ड्स खंगाले गए हैं। टीम में शामिल खलारी डीएसपी अनिमेष नैथानी वहां से जांच के बाद वापस लौट आए हैं। बताया जा रहा है साजिशकर्ताओं की बैठक, आने-जाने का विवरण, सत्ता पक्ष से जुड़े विधायकों के होटल में आने-जाने की फुटेज सहित कई तथ्यों के सुराग हाथ लगे हैं। इनपर समीक्षा के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई की तैयारी में है। इस प्रकरण की जांच के लिए रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने एसआइटी का गठन करते हुए चार अलग-अलग टीमें बनाई हैं जो रांची से लेकर दिल्ली और महाराष्ट्र तक की छानबीन कर रही है।
आरोपित लिए जाएंगे रिमांड पर
मामले में जेल गए आरोपित रिमांड पर लिए जाएंगे। अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस कोर्ट को आवेदन देगी, अनुमति मिलने पर रिमांड पर लाए जा सकते हैं। इनके रिमांड पर लिए जाने से कई रहस्यों से पर्दा उठेगा। अबतक जेल भेजे गए तीन आरोपितों की स्वीकारोक्ति में सामने आए साजिशकर्ताओं के नामों पर पुलिस साक्ष्य जुटा रही है। महाराष्ट्र के छह नेताओं को नोटिस भेजने की भी तैयारी है। इसकी प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है।
तीन भेजे गए हैं जेल
गौरतलब है कि सरकार गिराने की साजिश के मामले में पुलिस की टीम ने होटल लीलैक में बीते 22 जुलाई को छापेमारी की थी। कमरा नंबर 310 से चार सूटकेस, दो लाख रुपये नकद, कई हवाई टिकट, कई मोबाइल फोन के साथ साथ कई कागजात जब्त किए हैं। इस मामले में बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह के बयान पर कोतवाली थाने में राजद्रोह व साजिश के मामले में केस दर्ज किया गया है। मामले में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद को जेल भेजा गया है।