COVID-19 की दूसरी लहर ने भारत को बुरी तरह प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप कई शहरों में सख्त लॉकडाउन हुआ । कई परिवारों के प्रभावित होने से और होम क्वारंटाइन की वजह से, आवश्यक वस्तुओं का समय पर प्राप्त करना, उनके लिए एक चुनौती बन गया, खासकर बाज़ार में। इस स्थिति में, मिर्ची के आर.जे प्रतीक ने लखनऊ में एक डिलीवरी बॉय की भूमिका निभाते हुए ‘डिलीवरिंग हैप्पीनेस’ नामक एक पहल की शुरुआत की।
रेडियो की अद्वितीय पहुँच और नेटवर्क के साथ-साथ अपने सोशल मीडिया के प्रभाव का लाभ उठाते हुए, उन्होंने शहर में 150 से अधिक परिवारों की सहायता की।
आरजे प्रतीक ने अपने लिस्टनर्स को अपने रेडियो शो ‘पक्का लखनवी प्रतीक’ और सोशल मीडिया के माध्यम से, सभी आवश्यक डिलीवरी के अनुरोध को उन तक पहुँचने के लिए प्रोत्साहित किया। पिकअप और ड्रॉप स्थान के बीच की दूरी के बावजूद, उन्होंने सभी अनुरोधों को ईमानदारी से स्वीकार किया। डिलीवरी की ढेरों अनुरोध आने पर, उन्होंने अपनी डिलीवरी को दिन में दो शिफ्टों में बांटा – सुबह और शाम। साथ ही इस पहल के दौरान उन्होंने एक महिला को अपने इस मुहीम में शामिल किया जो प्रभावितों के लिए घर का बना खाना सप्लाई करती थी। सभी आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, आर.जे प्रतीक लखनऊ के हर नुक्कड़ पर भोजन, दवाएँ और अन्य आवश्यक सामान पहुँचाने में सफल रहे।
आर.जे प्रतीक की सहायता के लिए आभारी, अलीगंज की प्रांजल पाठक ने कहा, “जब मेरी माँ COVID से पीड़ित थी, मैं हर समय उनके साथ एकमात्र देखभाल करने वाला था। मेरे पास हम दोनों के लिए खाना लाने का कोई साधन नहीं था। आरजे प्रतीक की पहल से मुझे बड़ी राहत मिली। वह न सिर्फ खाना पहुँचा रहे थे बल्कि ढेर सारी खुशियाँ भी दे रहे थे।”
इस पहल की सराहना करते हुए, राजाजीपुरम निवासी मनुज खन्ना ने कहा, “मुझे नहीं पता था कि प्रतीक उस समय लखनऊ के प्रसिद्ध आर.जे प्रतीक थे। मैं उन्हें रात के खाने पर आमंत्रित करना पसंद करूंगा ताकि मैं उनके सभी प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दे सकूं।”
आर.जे प्रतीक ने अधिक नागरिकों को मदद के लिए प्रोत्साहित करने की उम्मीद में अपने अनुभव को दस्तावेज और साझा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
देखिए कैसे आरजे प्रतीक ने इसे आगे बढ़ाया-
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