भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने स्पष्ट कर दिया है कि गगनयान मिशन के तहत पहला मानवरहित अभियान इस साल दिसंबर में नहीं हो पाएगा। इसरो का कहना है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते इस महत्वाकांक्षी मिशन की हार्डवेयर सामग्रियों की आपूर्ति में देरी हो गई है। इसलिए पहला मानवरहित अभियान अब अगले साल के लिए टल गया है।
बेंगलुरु स्थित इसरो के मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार अंतरिक्ष विभाग के तहत उद्योग जगत से होने वाली हार्डवेयर की आपूर्ति पिछले कई महीनों से विभिन्न राज्यों में लगे लॉकडाउन के कारण समय से नहीं हो पाई थी। सूत्रों के अनुसार इसरो ने डिजाइन बनाने, विश्लेषण करने और दस्तावेजीकरण का काम पूरा कर लिया है। गगनयान का हार्डवेयर भी बनकर तैयार है और देश भर के सैकड़ों उद्योगों से आपूर्ति भी हो गई है।
दरअसल इसरो अपने मानव अभियान से पहले दो मानवरहित अंतरिक्ष अभियान करने वाला है। ताकि अपने चार अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा (लो अर्थ आर्बिट-एलईओ) में सफलतापूर्वक भेजना सुनिश्चित किया जा सके। चारों स्वदेशी अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाकर पूर्व निर्धारित गतिविधियों को अंजाम देंगे और फिर पृथ्वी पर वापस लौटेंगे। वायुसेना से चयनित यह चारों टेस्ट पायलट रूस में अंतरिक्ष यात्री का प्रशिक्षण ले चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि अंतरिक्ष के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने इसी साल फरवरी में कहा था कि पहला मानवरहित अंतरिक्ष मिशन इसी साल दिसंबर में भेजने की योजना है।