तोक्यो। लगातार तीन हार के बाद ओलंपिक से बाहर होने की कगार पर खड़ी भारतीय महिला हॉकी टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें बचाये रखने के लिये शुक्रवार को हर हालत में आयरलैंड को हराना होगा। वैसे लगातार तीन शर्मनाक हार के बाद भारतीय टीम के लिये मनोबल ऊंचा रखकर अपने से ऊंची सातवीं रैंकिंग वाली टीम को हराना आसान नहीं होगा।
भारत पूल ए में पांचवें स्थान पर है जबकि आयरलैंड एक जीत और दो हार के बाद चौथे स्थान पर है।भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अभी खाता नहीं खोला है। दोनों पूल से शीर्ष चार टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी। भारत को अब आयरलैंड और शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच जीतने के साथ गोल औसत भी बेहतर रखना होगा। इसके साथ ही उन्हें दुआ करनी होगी कि शनिवार को ब्रिटेन की टीम आयरलैंड को हरा दे। वैसे यह सब जोड़ घटाव तभी होगा जब भारत शुक्रवार को आयरलैंड को हरा पाता है। कोच शोर्ड मारिन को अपनी टीम से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। लगातार दूसरी बार ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली भारतीय टीम रियो ओलंपिक में 12वें स्थान पर रही थी और तोक्यो में भी खराब प्रदर्शन से देश में महिला हॉकी का ग्राफ ऊपर जाता नहीं दिख रहा। पहले तीन मैचों में भारत को दुनिया की नंबर एक टीम नीदरलैंड ने 5 . 1 से, जर्मनी ने 2 . 0 और गत चैम्पियन ब्रिटेन ने 4 . 1 से हराया। भारतीयों ने तीनों मैचों में मौके बनाये लेकिन फॉरवर्ड पंक्ति उन्हें भुना नहीं सकी।
ब्रिटेन के हाथों मिली हार को कोच मारिन ने ओलंपिक में भारत का सबसे खराब मैच बताते हुए कहा था ,‘‘ यह हमारा सबसे खराब मैच था। हम हर खिलाड़ी के लिये छह खेलने का प्रयास करते हैं लेकिन इस मैच में वैसा नहीं हुआ। खराब फैसले, खराब चयन। मैं इससे बहुत निराश हूं।’’ उन्होंने हालांकि कहा ,‘‘ अभी भी हमारे पास मौका है और हम छह अंक लेकर क्वार्टर फाइनल में जा सकते हैं। यही हमारा लक्ष्य होना चाहिये।’’ भारतीय डिफेंडरों के लिये हालांकि एलेना टाइस, कप्तान कैथरीन मुलान और हन्ना मैकलागलिन जैसे स्ट्राइकरों को काबू में रखना आसान नहीं होगा। वैसे भारत ने फरवरी 2019 में आयरलैंड को 3 . 0 से हराया और स्पेन दौरे पर दो मैचों की श्रृंखला में इसी टीम से 1 . 1 से ड्रॉ खेला था।